नई दिल्ली, 03 मई 2025: भारत सरकार ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तान से होने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया है। इस निर्णय की अधिसूचना सरकार ने जारी कर दी है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों पर और सख्ती बढ़ गई है।
पृष्ठभूमि: पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रुख
यह कदम हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले भारत ने अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीधा व्यापार पहले ही ठप हो गया था। इस नए फैसले को भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कदम के रूप में देखा जा रहा है।
सरकार का फैसला: आयात और जहाजों पर प्रतिबंध
विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023 में संशोधन करते हुए, सरकार ने “पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध” नामक एक नया प्रावधान जोड़ा है। अधिसूचना के अनुसार, “पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाली या वहां से निर्यात की जाने वाली किसी भी वस्तु का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन तत्काल प्रभाव से निषिद्ध होगा, जब तक कि अगले आदेश न हों।” इस प्रतिबंध से छूट के लिए भारत सरकार की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी।
इसके अलावा, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने एक अलग आदेश में कहा है कि पाकिस्तानी झंडे वाले किसी भी जहाज को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, भारतीय झंडे वाले जहाजों को भी पाकिस्तानी बंदरगाहों में जाने से रोक दिया गया है।
पहले से ही कम था व्यापार
पाकिस्तान के साथ भारत का व्यापार पिछले कुछ सालों में बेहद कम हो गया था। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीधा व्यापार लगभग शून्य हो गया था। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ व्यापारी दुबई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे तीसरे देशों के रास्ते माल की आवाजाही करते थे, जिसे अब इस नए प्रतिबंध से रोकने की कोशिश की जा रही है।
विशेषज्ञों की राय – व्यापार पर प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ शांतनु सिंह ने कहा, “यह प्रतिबंध पाकिस्तान के फार्मा सेक्टर को तुरंत प्रभावित करेगा, क्योंकि भारत से दवाइयों का आयात उनकी एक बड़ी जरूरत थी।” उन्होंने यह भी बताया कि अनौपचारिक व्यापार, जो तीसरे देशों के जरिए होता था, अब और मुश्किल हो जाएगा।
इसको भी पढ़ें: Post Office FD Scheme में 2 लाख का निवेश करने पर 1, 2, 3 या 5 साल में कितना रिटर्न मिलेगा
क्या होगा असर?
इस फैसले से दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों में और दरार आने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की ओर से एक मजबूत संदेश है कि वह आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा। वहीं, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, जो पहले से ही संकट में है, पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।