राजस्थान में मानसून (Monsoon) अब पूरी रफ्तार पकड़ चुका है। जयपुर मौसम केंद्र (Jaipur Weather Centre) ने 2 जुलाई से 6 जुलाई तक प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश (Heavy Rainfall) की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान के 22 जिलों में तेज बारिश और वज्रपात (Thunderstorm) के साथ तेज हवा चलने की संभावना है। इस दौरान कई जिलों में झमाझम बारिश होने की उम्मीद है, जिससे लोगो को गर्मी से राहत मिलेगी, किसानो के लिए ये अच्छी खबर है क्योकि फसलों के उत्पादन के लिए बारिश का होना जरुरी है। राजस्थान के अलग अलग हिस्सों में इस बार मानसून काफी अच्छी रहने वाली है। बारिश सामान्य से अधिक दर्ज होने की उम्मीद है।
22 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी
मौसम केंद्र जयपुर ने 22 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) और 17 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इनमें जयपुर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, पाली, अजमेर जैसे जिले शामिल हैं। धौलपुर में पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 145 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इसके अलावा अलवर और भरतपुर में भी मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। आगामी 48 घंटो के दौरान तेज हवाओ के साथ भारी बारिश की गतिविधिया दर्ज की जा सकती है। हवा की गति 30-50 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
मौसम विभाग ने जारी की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को अनावश्यक बाहर निकलने से बचने, बिजली गिरने की संभावना वाले इलाकों में सावधानी बरतने और मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सीमित उपयोग करने की सलाह दी है। प्रशासन ने राहत और बचाव दल (Relief and Rescue Teams) को अलर्ट पर रखा है ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान की जा सके। किसानों को भी अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी गई है। विभाग की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर ताजा मौसम अपडेट नियमित रूप से देखना जरूरी है। खासकर इस मौसम में वज्रपात एवं तेज अंधड़ के कारण नुकसान की संभावना अधिक हो जाती है। जिससे बचाव के लिए सावधानी रखनी जरुरी होती है।
तेज होंगी मानसून की गतिविधिया
आगामी 3 से 5 दिनों के दौरान मानसून की गतिविधियां सक्रिय रह सकती हैं। दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान में भारी और अति भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे तापमान में गिरावट के साथ-साथ उमस में भी कमी आ सकती है। हालांकि तेज बारिश के कारण जलभराव और यातायात प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए लोगों को मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए सतर्क रहना चाहिए