मध्य प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है। 1 अप्रैल 2025 से राज्य सरकार कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार भत्ते देने जा रही है। अभी तक ये भत्ते 6ठे वेतन आयोग के आधार पर दिए जा रहे थे लेकिन अब इसमें बदलाव होगा जिससे कर्मचारियों की सैलरी में सुधार आएगा।
12 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में हर वर्ग को कोई न कोई सौगात मिली लेकिन सबसे बड़ी घोषणा राज्य के साढ़े सात लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए रही। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने घोषणा की कि 1 अप्रैल 2025 से कर्मचारियों के भत्तों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार संशोधित किया जाएगा। हालांकि महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
कौन-कौन से भत्ते बढ़ेंगे?
अभी मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को 6ठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार भत्ते मिल रहे हैं जिनमें शामिल हैं हाउस रेंट अलाउंस (HRA), यात्रा भत्ता (TA), यूनिफॉर्म भत्ता और व्हीकल भत्ता लेकिन अब 7वें वेतन आयोग लागू होने से इन सभी भत्तों में वृद्धि होगी। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य भत्तों में भी संशोधन किया जाएगा जिनमें शामिल हैं विकलांगता भत्ता, सचिवालय भत्ता, आदिवासी क्षेत्र भत्ता, जोखिम भत्ता, दैनिक भत्ता, पुलिस कर्मियों के लिए आहार भत्ता, वर्दी धुलाई भत्ता और सिलाई भत्ता।
इन भत्तों के नए वेतनमान के अनुसार पुनर्गठन से लाखों सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए डिजिटल सुविधा भी शुरू की जा रही है और सभी की पेंशन ऑनलाइन होने वाली है। वित्त मंत्री ने एक और बड़ा ऐलान किया है।
सरकारी कर्मचारियों के पेंशन दस्तावेज और पेंशन से जुड़े सभी कार्य अब ऑनलाइन किए जाएंगे। इस फैसले से रिटायर्ड कर्मचारियों को राहत मिलेगी क्योंकि अब उन्हें अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कर्मचारी संगठन ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
यूनिफाइड पेंशन योजना पर विचार
सरकार ने यूनिफाइड पेंशन योजना को लागू करने पर भी मंथन शुरू कर दिया है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी जो इस योजना के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगी और सरकार को सुझाव देगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
वेतन आयोग क्या होता है और इससे कर्मचारियों को क्या लाभ मिलता है?
सरकारी कर्मचारियों के वेतन में समय-समय पर सुधार करने के लिए केंद्र सरकार वेतन आयोग का गठन करती है। यह आयोग कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति, महंगाई, और अन्य पहलुओं का अध्ययन करके वेतन व भत्तों में संशोधन की सिफारिश करता है।
7वें वेतन आयोग के तहत क्या बदलेगा? कौन कौन पात्र होंगे?
7वें वेतन आयोग में वेतन और भत्तों की गणना एक नई प्रणाली के अनुसार की जाती है। यह फिटमेंट फैक्टर (2.57 गुना) के आधार पर वेतन तय करता है। इससे कर्मचारियों को पहले के मुकाबले अधिक वेतन मिलता है। 7वें वेतन आयोग लागू होने से मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को बहुत फायदा होगा।
वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी होगी और महंगाई के अनुसार वेतनमान में संशोधन किया जाएगा। इसके अलावा रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन संबंधी कार्य ऑनलाइन होंगे तथा यूनिफाइड पेंशन योजना से सेवानिवृत्ति के बाद की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ये कर्मचारी इसके लिए पात्र होने वाले है।
- राज्य सरकार के सभी स्थायी कर्मचारी
- सिविल सर्विस से जुड़े कर्मचारी
- शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, कृषि और अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी
- राज्य सरकार द्वारा संचालित बोर्ड एवं निगमों के कर्मचारी
मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला लाखों कर्मचारियों के लिए आर्थिक रूप से राहत देने वाला है। 7वें वेतन आयोग लागू होने से न सिर्फ वेतन में वृद्धि होगी, बल्कि कर्मचारियों के भत्ते भी नए सिरे से तय किए जाएंगे।
सरकार द्वारा पेंशन प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का फैसला भी कर्मचारियों के हित में है जिससे रिटायर्ड कर्मचारियों को किसी तरह की परेशानी न हो। अगर आप भी मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत खास है। अप्रैल 2025 से आपको पहले से ज्यादा वेतन और भत्ते मिलने वाले हैं।