Bhains Gyabhan Ki Dava: किसान भाइयों को और पशुपालन करने वाले भाइयों को आजकल इस समस्या से बहुत अधिक जूझना पड़ता है। वे बार बार अपनी भैंस को गाभिन करवाते है लेकिन रुकती ही नहीं है और कुछ दिन में फिर पता चलता है की दोबारा से गाभिन करवानी पड़ेगी। आज के समय में ये एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है।

दुधारू पशुओं में प्रजनन की छमता में बहुत अधिक कमी देखी जा रही है जिसके कारण पशु पालन करने वाले भाइयों को इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको भैंस के गर्भ धारण को लेकर विस्तार के साथ बताने वाले है। इसलिए आपसे निवेश है की इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें।

भैंस का गर्भ धारण का समय

सबसे पहले तो सभी पशु पालन करने वाले भाइयों को ये पता होना चाहिए की Bhains Ka Garbh Dharan Karne Ka Samay क्या है और कब वे गर्मी में आती है। क्योंकि अगर आपको इसकी ठीक ठीक जानकारी नहीं होने से भी आपको समस्या का सामना करना पड़ता है। कई पशुपालन करने वाले भाई बिना हिट में आये ही भैसों को झोटे के पास लेकर चले जाते है या फिर कृत्रिम गर्भाधान करवा लेते है और बाद में ये कहते है की Bhains Gabhin Nahi Ho Rahi।

इसलिए ये बहुत जरुरी हो जाता है की इसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए। भैंस आमतौर पर जब 3 से साढ़े तीन साल की उम्र की हो जाती है तब उसको पहली बात हिट में आना होता है और इस समय उसको आपको गाभिन करवाना होता है। लेकिन यहां आपको ये ध्यान रखना है की भैंस मद में केवल 24 घंटों के लिए ही रहती है और भैंस का हिट में आने का समय शाम के 6 बजे के आसपास से लेकर सुबह 6 बजे के आसपास तक होता है। इस दौरान ही भैंस माध में आकर बोलने लगती है।

मद काल के कितनी देर बाद गर्भित करवाना होता है

भैंस हमेशा सर्दी के मौसम में सबसे अधिक प्रजनन करती है और भैंसों को मद में आने का समय रात्रि का ज्यादा होता है इसलिए पशुपालकों को अपनी भैसों का ध्यान रखना है की किस समय वे मद में आ रही है। जब भैंसो का मद का समय सम्पत होता है तो उसके 8 से 10 घंटों के बाद में अण्डों के निकलने का समय होता है इसलिए इस समय आपको झोटे के द्वारा या फिर कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया के द्वारा अपनी भैंस को गाभिन करवाना है।

कभी कभी कुछ किसान भाई व पशुपालकों ने ये भी नोटिस किया होगा की कुछ भैंस 24 घंटे मद में ना रहकर कई दिन तक बोलती रहती है। वे लगभग 2 से 3 दिन तक हिट में रहती है तो ऐसे में किसान भाई व पशुपालकों को उसके आखिरी समय में जैसा की ऊपर बताया है ठीक वैसे ही अपने पशु को गर्भित करवाना है।

पशु हिट में ना आये तो क्या करें

कई बार किसान भाई व पशुपालकों ने ये भी देखा होगा की उनके पशु हिट में ही नहीं आते और ना ही बोलते है और ऐसे में ये अंदाजा लगाना बड़ा मुश्किल हो जाता है की आखिर ऐसी भैंस को किस समय पर गर्भित करवाना चाहिए। उसके लिए किसान भाई व पशुपालकों को यहां निचे बताये गए कुछ उपायों को करना चाहिए।

किसान भाई व पशुपालकों को अपनी भैंस को गुड़ खिलाना चाहिए। भैंस को गुड़ खिलने से उसके शरीर में गुड़ के साथ पाचन क्रिया को तेज करने वाले सूक्ष्म कीटाणु भी प्रवेश करते है जो पशु के शरीर में पाचन क्रिया को तेज कर देते है। पाचन क्रिया तेज होने की वजह से पशु को अधिक ऊर्जा प्राप्त होने लगती है और जरुरी पौषक तत्वों की भी आपूर्ति होने लगती है। ऐसा होने पर भैंस तुरंत हिट में आती है और गाभिन भी जल्दी ही हो जाती है।

भैंस को हिट में लाने के लिए आप भैंस का बिनौला की चाट अधिक मात्रा में खिलाकर भी कर सकते हो। लेकिन किसान भाई व पशुपालकों को ये ध्यान रखना है की कच्चे बिनौले कभी भी अपनी भैंस को नहीं खिलने चाहिए। हमेशा बिनौलों को उबालकर उनकी चाट बनाकर ही खिलाना चाहिए। इससे भी भैंस तुरंत हिट में आती है और बोलने लगती है।

किसान भाई व पशुपालक अपनी भैंस को हिट में लाने के लिए गुड़, तिल और सरसों के तेल से बनाई लेइ का इस्तेमाल भी कर सकते है। इसके लिए आपको 100 ग्राम सरसों का तेल और 250 गुड़ ओट 250 ग्राम लेने हैं और इसके बाद गुड़ और तिल का मिश्रण तैयार करें और उसको सरसों के तेल में गूँथ कर उसकी लेइ तैयार कर लें। उसके बाद अपने पशु को 3 से 4 दिन तक खिलाना है। इससे पशु में प्रोटीन की कमी पूरी होती है जिससे भैंस जल्दी हिट में आती है और उसके गर्भ धारण करने की छमता में भी काफी हद तक इजाफा होता है।

किसान भाई व पशुपालक भाई गुड़ के साथ में तारामीरा का तेल के जरिये मिश्रण तैयार करके भी अपनी भैंस को हिट में ला सकते है। इसके लिए किसान भाई व पशुपालक भाई अपनी भैंस को लगभग आधा किलो गुड़ को तारामीरा के तेल में मिलाकर 3 से 4 दिनों तक लगातार देना है जिससे भैंस हिट में आ जाती है। इस मिश्रण में आप काला नमक भी मिला सकते है जिससे और भी अधिक लाभ मिलता है। इन सब चीजों का आप एक काढ़ा बनाकर भी अपनी भैंसों को पिला सकते है। इससे भैंस हिट में आकर जल्दी ही बोलने लगती है।

मैं शुभम मौर्या पिछले 2 सालों से न्यूज़ कंटेंट लेखन...

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