नई दिल्ली, 5 जून 2025: भारत ने समुद्री क्षेत्र (Maritime Sector) में अपनी ताकत को और मजबूत करते हुए नॉर्वे के साथ कई अहम करार किए हैं। ओस्लो में आयोजित नॉर-शिपिंग (Nor-Shipping) प्रदर्शनी के दौरान भारतीय समुद्री कंपनियों ने जहाज निर्माण (Shipbuilding) और हरी तकनीक (Green Technology) के क्षेत्र में वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा दिया। इस मौके पर केंद्रीय बंदरगाह और जहाजरानी मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने कहा कि यह कदम मेक इन इंडिया (Make in India) पहल को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
कोलकाता की जीआरएसई ने जर्मनी की कंपनी के साथ किया करार
कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने जर्मनी की कार्स्टन रेहडर (Carsten Rehder) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (Memorandum of Intent – MoI) साइन किया। इस करार के तहत जीआरएसई 7,500 डीडब्ल्यूटी (DWT) की चार मल्टी-पर्पस वेसल्स (Multi-Purpose Vessels) का निर्माण करेगी। इसके अलावा, जीआरएसई ने यूएई की एरीज मरीन (Aries Marine) और एक वैश्विक इंजन निर्माता कंपनी (Global Engine Manufacturer) के साथ भी रणनीतिक समझौते किए हैं।
एलएंडटी और नॉर्वे की डीएनवी के बीच सहयोग
भारत की एलएंडटी (L&T) ने नॉर्वे की डीएनवी (DNV) के साथ एक समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding – MoU) पर हस्ताक्षर किया। यह साझेदारी कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगी, जिसमें हरी तकनीक और समुद्री नवाचार (Maritime Innovation) शामिल हैं। इस करार से भारत को वैश्विक समुद्री बाजार (Global Maritime Market) में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।
मेक इन इंडिया को मिला वैश्विक बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर कहा, “भारत की समुद्री ताकत (Maritime Prowess) अब वैश्विक स्तर पर पहचान बना रही है। नॉर्वे के साथ ये साझेदारियां मेक इन इंडिया को नई गति देंगी और भारतीय जहाज निर्माण उद्योग (Shipbuilding Industry) को नई दिशा प्रदान करेंगी।” ओस्लो में आयोजित इस प्रदर्शनी में दोनों देशों के झंडे एक साथ लहराते हुए इस साझेदारी की मजबूती को दर्शाया गया।
वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती पहचान
नॉर-शिपिंग प्रदर्शनी में भारतीय कंपनियों की सक्रिय भागीदारी ने वैश्विक मंच (Global Platform) पर भारत की बढ़ती ताकत को रेखांकित किया। इस आयोजन में जहाज निर्माण और हरी तकनीक के क्षेत्र में नए अवसरों की खोज की गई, जिससे भारत और नॉर्वे के बीच समुद्री सहयोग (Maritime Collaboration) को और मजबूती मिली।