नई दिल्ली: आज के समय में बच्चे स्कूटी या फिर चौपहिया वाहन चलाते आप आमतौर पर नजर आ ही जाते है। इन बच्चो का ड्राइविंग करने का लाइसेंस भी नहीं होता है और फिर भी ये वाहन चलाने लगते है। बच्चो से एक्सीडेंट हो जाते है और जिनका बहुत बड़ा नुकसान होता है। कई बार तो किसी की जान भी चली जाती है।
ऐसे में उत्तरप्रदेश की सरकार की तरफ से वाहन चलाने के नियमों को लेकर के बड़ा बदलाव क्या है। सड़क पर आये दिन हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुये यूपी की योगी सरकार की तरफ से ये एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब अगर बच्चों को वाहन चलाते अगर पकड़ लिया जाता है और बच्चा अभी नाबालिग है तो फिर बच्चे के अभिभावकों को इसका खामियाजा भुगतना होगा। सरकार की तरफ से इसको लेकर अब कठोर नियम लागु कर दिए गये है।
बच्चों के गाड़ी चलाने पर रोक जरुरी
सरकार की तरफ से ये फैसला लिया जाना बहुत जरुरी बताया जा रहा है क्योंकि बच्चों से सड़कों पर हादसे हो जाते है और ऐसे में चपेट में आने वाले व्यक्ति की जान तक कई बार चली जाती है। बच्चों को इतनी समझ नहीं होती की अचानक से आई मुसीबत से कैसे निपटा जाए और उनको ड्राइविंग की भी इतनी समझ नहीं होती है।
लेकिन कई अभिभावक ऐसे हैं जो अपने बच्चों पर कोई रोक नहीं लगाते और अपने बच्चों को गाड़ियां दे देते हैं चलाने के लिए। सरकार की तरफ से इस नियम को लागु करने का मकसद सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है। यूपी सरकार की तरफ से बनाये गये इस नियम के बाद में अब कोई भी बच्चा अगर गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है ओट बच्चे में अभिभावक को इसका जुर्माना भरना होगा और उसको सजा भी हो सकती है।
कितना जुर्माना और सजा होगी
आपको बता दें की बच्चे को अगर गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है तो बच्चे के अभिभावक को 25 हजार रूपए का जुर्माना देना होगा ओट 3 साल की सजा का भी इसमें प्रावधान किया गया है। 18 साल से कम आयु के बच्चों को गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है। इसको लेकर अब सरकार की तरफ से दिशा निर्देश जारी कर दिए गये हैं।
अगर कोई अभिभावक अपने 18 साल से कम आयु के बच्चे को गाड़ी चलाने को देता है तो उसको सख्त सजा दी जाएगी और साथ में जुर्माना भी देना होगा। इसको लेकर सरकार की तरफ से परिवहन आयुक्त ने आरएम, एआरएम और आरटीओ को दिशा निर्देश सरकार की तरफ से दे दिए गये हैं।