EPFO Big Update – देश में मौजूदा समय में करोड़ों की संख्या में ऐसे लोग हैं जो किसी ना किस प्राइवेट संसथान में कार्य करते है और ये सब लोग अपने हर महीने के वेतन से कुछ रूपए EPF में जमा करवाते है। इन सभी कर्मचारियों को सरकार की तरफ से एक बहुत बड़ा तोहफा मिल गया है।
भारत की सरकार की तरफ से प्राइवेट संस्थाओं के में करने वाले सभी लोगों के EPF पर मिलने वाले ब्याज की दरों में बढ़ौतरी करके बड़ा तोहफा दिया गया है। मौजूदा समय में ये दरें देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होने वाला है। चलिए जानते है इस आर्टिकल में की आखिर EPFO की तरफ से कितना ब्याज बढ़ाया गया है और कर्चारियों को कितना फायदा होने वाला है।
EPFO Pension Scheme क्या है
EPFO की EPS या एम्प्लोयी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों की महीने की सैलरी में से ही कुछ फीसदी हिस्सा हर महीने जमा होता है और कर्मचारी की आयु जब 60 वर्ष की हो जाती है तो सरकार की तरफ से उसको पेंशन का लाभ दिया जाता है। आपको बता दें की आपके EPF खाते में दो तरह का पीएफ का पैसा जमा होता है। पहले आपके कुछ वेतन का 12 फीसदी हिस्सा जमा होता है जो पेंशन स्कीम में नहीं आपके मैन खाते में जमा किया जाता है और इसको आप निकाल भी सकते है।
इसके अलावा जितना आपका पीएफ जमा होता है उतना ही पैसा उस संस्था के द्वारा भी जमा किया जाता है जिस संस्था में आप काम कर रहे होते है। अब जो पैसा संस्था के द्वारा जमा किया जाता है उस पैसे में से कुछ हिस्सा आपके मैन खाते में जमा किया जाहै और कुछ हिस्सा आपके EPS में जमा होता है।
EPFO में पहले क्या ब्याज दरें मिलती थी
EPFO में जिन भी कर्मचारियों का पैसा जमा होता है उन सभी को मालूम होगा की आज के मुकाबले में पहले के समय बहुत कम ब्याज दर EPFO की तरफ से कर्मचारियों को दी जाती थी। अब जो बढ़ौतरी हुई है इससे पहले विभाग की तरफ से देश के करोड़ों कर्मचारियों को 8.15 फीसदी के हिसाब से ब्याज की दरें दी जा रही थी।
वहीं अगर इससे पहले के रिकॉर्ड को देखा जाए तो पहले साल 2011 – 2012 में ये ब्याज दरें अब से कहीं ज्यादा थी जो की उस समय में 8.25 फीसदी के हिसाब से दी जाती थी। वहीं साल 2014 – 2015 की अगर बात करें तो उस समय EPFO की तरफ से कर्मचारियों को 8.75 फीसदी के हिसाब से ब्याज दरें दी जा रही थी।
साल 2018 – 2019 में भी ये ब्याज दरें अब के मुकाबले में कहीं ज्यादा होती थी जो की उस समय के हिसाब से 8.65 फीसदी के हिसाब से कर्मचारियों को मिला करती थी। हालांकि 8 फीसदी से निचे का आंकड़ा अब से बहुत साल पहले हुआ करता था। 1977 – 1978 के वित्तीय वर्ष में इसका आंकड़ा 8 फीसदी से निचे हुआ करता था।
EPFO ने कितनी बढ़ाई दरें बढ़ाई है
EPFO में ब्याज दरों का निर्धारण करने वाली एक संस्था है जिसका नाम है सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) और सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की एक बैठक में बीते शनिवार को इसका फैसला लिया गया की EPF पर मिलने वाली बया दरों को बढ़ाया जायेगा। हालांकि अभी बैठक में ये फैसला लिया गया है और अभी इसको वित् मंत्रालय को भेजा जाना है और वहां से फाइनल होने के बाद में ये लागु हो जायेगा।
बैठक में 0.10 फीसदी के हिसाब से EPF पर मिलने वाली ब्याज दरों में बढ़ौतरी की गई है और इस बढ़ौतरी के बाद में कर्मचारियों को अब आगे से 8.25 फीसदी के हिसाब से ब्याज दरें मिलने लग जाएगी। इसका सीधा सीधा असर कर्मचारियों की भविष्य निधि में जमा पैसे पर पड़ने वला है और उनको अब अधिक ब्याज मिलने के कारन उनको पैसा निकलने के समय में अधिक पैसा मिलेगा।