आज के समय में हर एक चीज एडवांस हो चुकी है, चाहे वह बिजनेस हो या फिर खेती दोनों में आधुनिक तकनीकी का उपयोग करके कार्य किया जा रहा है। आज के समय में सभी किसान आधुनिक उपकरणों की सहायता से खेती करते हैं, इससे उनका समय और पैसा दोनों बचता है। फिर भी अभी भी कई ऐसे किसान है जो अपने देसी जुगाड़ो के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं।
आज के इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ तगड़े जुगाड़ों के बारे में बताएंगे जिन्हें देखकर आपके होश उड़ जाएंगे मगर सलाम है उन किसानों को जिन्होंने इंजीनियरों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह किसान अपने देसी जुगाड़ो की मदद से वह सभी मुश्किल से मुश्किल काम कर रहे हैं जो मशीनें भी नहीं कर सकती है। इंजीनियर भी इन्हें देखकर हैरान हैं।
लेकिन एक बात हम आपको बता दें कि इस लेख में जितने भी जुगाड़ या कहे आविष्कार हैं। यह सभी किसी न किसी मजबूरी के कारण बने हैं। इसलिए हमें इन कलाकरो का सम्मान करना चाहिए कि जिन्होंने अपनी बड़ी से बड़ी समस्या को इतने कम पैसों में हल किया।
मोटरसाइकिल की मदद से खरपतवार निवारण
राजस्थान राज्य के भगवानपुर गांव के रहने वाले एक छोटे से किसान ने एक ऐसा जुगाड़ू हल तैयार किया जिसकी सहायता से फसल की कुछ मिनट में जुताई की जा सकती है, इसके लिए किसी भी किसान को ट्रैक्टर जैसे महंगे साधन को लेने की आवश्यकता नहीं है। इन्होंने कबाड़ में पड़ी हुई बाइक को ठीक करवा कर महज ₹25000 का एक ऐसा जुगाड़ बनाया जो 5 से 6 लाख रुपए के ट्रैक्टर को भी पीछे छोड़ देता है।
योगेश का रिमोट कंट्रोल ट्रैक्टर
राजस्थान के बारा जिले के बमोरीकला गांव से बिलॉन्ग करने वाले 20 साल के योगेश (Yogesh) ने अपने पिता की समस्या को देखते हुए एक ऐसा ट्रैक्टर बनाया जो बिना ड्राइवर के चल सके। इस ट्रैक्टर को योगेश ने बिना किसी इंजीनियरिंग कोर्स के बनाया है, जो एक बहुत बड़ी बात है। योगेश के इस अविष्कार को देखकर सभी लोग हैरान हो गए हैं।। योगेश ने बताया कि “जब उनके पिताजी तपती धूप में काम करते हैं, तो उसे उनकी चिंता होती है। इसलिए उसने एक ऐसा ट्रैक्टर बनाया जो बिना किसी ड्राइवर के चल सके” योगेश के इस आविष्कार की तारीफ पूरा देश कर रहा है।
रामधन लोधा की खरपतवार को हटाने की मशीन
राजस्थान के झालावाड़ जिले के रहने वाले महज 16 साल के रामधन लोधा (Ramdhan Lodha) ने अपने पिताजी की समस्या को देखते हुए खेत से खरपतवार को हटाने के लिए एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया जिससे कई दिनों का काम बस कुछ ही घंटों में हो जाता है। इनकी यह मशीन सोलर पैनल की सहायता से चलती है, जिससे प्रकृति को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
रामधन ने अपने पिताजी की खेत में से खरपतवार हटाने की समस्या को देखते हुए यह निवारण निकला जब हमारी टीम ने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि “अभी के समय में जिन रासायनिक उर्वरकों की सहायता से खरपतवार हटाया जाता है, वह हमारी प्रकृति और किसान की सेहत को बहुत हानि पहुंचाते हैं और उन्होंने यह अपने पिताजी की मदद के लिए बनाया है, क्योंकि जब भी उनके पिताजी खेत में खरपतवार छिड़कते थे, तो इससे उनकी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता था। और अपने पिताजी की सेहत चिंता और प्रदूषण को रोकने के लिए उन्होंने इस मशीन का आविष्कार किया”।
रामधन को उसके आविष्कार के कारण राजस्थान सरकार द्वारा उसे सम्मानित किया गया एवं अब वह राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने अविष्कार का परचम लहराएंगे।
निलेशभाई भलाला मिनी ट्रेक्टर
गुजरात के रहने वाले निलेशभाई भलाला जो कि एक किसान है। उनके पास महंगा ट्रैक्टर खरीदने के पैसे नहीं होने के कारण उन्होंने घर पर ही एक जुगाड़ तैयार कर दिया, उन्होंने तीन पहियों पर चलने वाले एक ऐसे ट्रैक्टर का आविष्कार किया जो खेत की जुताई, बिजाई, निराई गुड़ाई, भार ढ़ोना, कीटनाशक छिड़कना आदि काम कर सकता है।
Dhakar Farming का मोटरसाइकिल टैक्टर
यदि एक ने मोटरसाइकिल से जुताई का यंत्र बनाया, तो दूसरे ने ट्रैक्टर को ही रिमोट कंट्रोल बना दिया, वहीं तीसरे ने ट्रैक्टर की समस्या को ही दूर कर दिया और चौथे ने खुद का ही ट्रैक्टर बना दिया ऐसा ही कुछ इन भाई साहब ने किया, जिन्होंने अपनी मोटरसाइकिल की मदद से ट्रैक्टर जैसा मशीन बना दिया जिससे आप खेत की जुताई से लेकर निराई गुड़ाई, बिज रोपाई, कटाई आदि वही सभी कार्य कर सकते हैं जो एक ट्रैक्टर करता है।
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