नई दिल्ली: Bee Farming – किसान भाई आज के समय में मधुमक्खी पालन का बिज़नेस करके लाखों में कमाई कर रहे है और सबसे बड़ी बात जहाँ पर किसान भाई इस बिज़नेस को करते है तो उसके आसपास के खेतों में पैदावार भी बढ़ जाती है क्योंकि मधुमक्खी खेतों में जाकर फसलों के फूलों से पराग को इधर से उधर करती रहती है जिससे फसलों में लाभ मिलता है।
अगर आप भी मधुमक्खी पालन का बिज़नेस करना चाहते है तो आपको इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ना होगा क्योंकि इसमें हमने आपके लिए मधुमक्खी पालन के बारे में पूरी जानकारी विस्तार के साथ में बताई है। मधुमक्खी पालन भारत में कई राज्यों में किया जाता है और आपको बता दें की इसके लिए तापमान भी सही होना बहुत जरुरी होता है क्योंकि अधिक सर्दी या फिर अधिक गर्मी में मधुमक्खी जीवित नहीं रह पाती है।
भारत में बहुत से राज्य ऐसे है जहाँ पर तापमान एक समान रहता है लेकिन बहुत से राज्यों में ऐसा भी होता है की सर्दियों में तापमान बहुत अधिक निचे चला जाता है तो गर्मियों में तापमान बहुत अधिक हो जाता है। इसलिए इन राज्यों में एक सीजन होता है जिसमे मधुमक्खी पालन किया जा सकता है। देखिये मधुमक्खी पालन के बारे में पूरी जानकारी यहाँ दी गई है।
मधुमक्खी पालन के लिए मधुमक्खी की प्रजातियां कौन कौन सी होती है?
आपको जानकर हैरानी होगी की दुनिया में मधुमक्खी की लगभग 20 हजार प्रजातियां पाई जाती है लेकिन इसमें से कुल 7 प्रजातियां ही ऐसी हैं जो शहद का निर्माण करती है। सबसे ज्यादा जिस मधुमक्खी का पालन किया जाता है वो एपिस मेलिफेरा है जो मधुमक्खी के पालन के बिज़नेस में आपको सबसे ज्यादा देखने को मिलेगी। इस प्रजाति को पश्चिमी मधुमक्खी ने नाम से भी जाना जाता है और ये आपको सबसे ज्यादा यूरोप के साथ साथ एशिया तथा अमेरिका में मिलेगी।
भारत में भी एपिस मेलिफेरा मधुमक्खी का सबसे ज्यादा पालन किया जाता है। इसके अलावा एपिस फ्लोरी, एपिस डोरसाटा, एपिस सेराना और एपिस इण्डिका प्रजाति की मक्खियों का पालन भी भारत में किया जाता है। मधुमक्खी की प्रजाति का चुनाव कई बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है। इनमे सबसे पहले ये देखा जाता है की जिस भी मक्खी का पालन हम कर रहे है वो आपको शहद कितना देने वाली है। इसके साथ में ये भी जानना जरुरी होता है की जलवायु के अनुसार कितनी संवेदनशील है।
मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त तापमान क्या होता है?
मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त तापमान 18 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। इस तापमान के अंतराल में मधुमक्खियां अपने सामान्य कार्यों को सुचारू रूप से कर पाती हैं। यदि तापमान इस अंतराल से कम या अधिक हो जाता है, तो मधुमक्खियों के स्वास्थ्य और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही मधुमक्खी पालन में छत्ते के अंदर का तापमान सुचारु रूप से बनाये रखने के लिए मधुमक्खी के छत्तों को छांया में रखा जाता है और कभी कभी पानी का छिड़काव भी किया जाता है।
मधुमक्खी पालन में ध्यान रखने वाली बातें कौन कौन सी है?
मधुमक्खी पालन में सबसे पहले तो आपको इसके लिए प्रशिक्षण लेना बहुत जरुरी होता है क्योंकि बिना जानकारी के आप किसी भी बिज़नेस में सफलता हासिल नहीं कर सकते। इसके अलावा आपको मधुमक्खी की प्रजाति के चुनाव के समय भी ये ध्यान रखना है की आपके क्षेत्र की जलवारु और मौसम कैसा रहता है।
इसके अलावा मधुमक्खी पालन आप जिस भी जगह पर कर रहे है वहां उनके लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी है या नहीं। मधुमक्खी के छत्तों की साफ सफाई समय समय पर करनी होती है और उनके छत्तों को मौसम के अनुसार अंदर या फिर बाहर रखना होता है।
मधुमक्खी पालन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण कौन कौन से है?
मधुमक्खी पालन करने के समय में आपको बहुत से उपकरणों की जरुरत होती है जिनमे आपको मधुमक्खी के छत्तों को खरीदना होता है। इसके साथ में मोम को एकत्रित करने वाला चाकू और छत्ते की चेकिंग करने के उपकरण लेना होता है। कान में डालने वाले रब्बर के प्लग लेने होंगे ताकि कानों की सुरक्षा की जा सके।
इसके साथ में आपको जुटे और पहनने के लिए विशेष प्रकार के कपड़ो की जरुरत होती है साथ में जूता भी पहनना बहुत जरुरी होता है। हर इसके अलावा छत्ते से मोम को लग करने वाला उपकरण और छत्ते में से शहद को बाहर करने वाली मशीन की भी जरुरत होगी। शहद को स्टोर करने के लिए आपको ड्रम लेने होंगे।
मधुमक्खी पालन में शहद को कैसे निकालें?
छत्ते से सहद को निकलने के लिए आपको सबसे पहले ये पता करना होगा की छत्ते में जो शहद है वो पूरी तरह से पका हुआ है या नहीं। छत्ते में पानी की मात्रा अधिक होने पर शहद को छत्ते से नहीं निकालना चाहिए। शहद को निकलने से पहले आपको सभी सुरक्षा वाले वस्त्रों को पहनना होता है ताकि आपको मक्खियों से पूरी सुरक्षा हो सके।
इसके अलावा आपको ये भी ध्यान रखना है की शहद को निकलने के बाद में उनको तुरंत ड्रम में डालकर बंद कर देना किये नहीं तो उसमे मिटटी आदि चली जाने पर वो शहद ख़राब हो जाता है।
मधुमक्खी पालन में शहद को कहां बेचे?
आज के समय में शहद का उपयोग बहुत मात्रा में किया जाता है। आप अपने शहद को कई स्थानों पर बिक्री कर सकते है जिनमे पहला तो आप खुद मार्किट में शहद को बेच सकते है। बिज़नेस करने वाले हमेशा अपने शहद को थोक के विक्रेताओं को बेचते है। इसके अलावा आप अपने शहद को आज के समय में ऑनलाइन मार्किट में भी बेच सकते है। अगर आपके पास में शहद की पैदावार अधिक है तो फिर आप कंपनी से सीधे सम्पर्क करके उनको भी अपने शहद को बेच सकते है।