नई दिल्ली: किसान भाइयों की फसल इस समय लहलहा रही है और चारों को सरसों के पिले फूलों की एक चद्दर सी बिछी हुई नजार आ रही है। इस बार देश में सरसों की बम्पर बुवाई हुई है और ये आंकड़ा 100 लाख हेक्टयर तक जा चूका है। ये आंकड़ा पिछले साल के आंकड़े ये बहुत ज्यादा है। पिछले साल देश में सरसों की बुवाई 97.63 लाख हेक्टेयर की गई थी जो की इस बार से काफी कम है।

लेकिन किसान भाइयों के ऊपर एक नया खतरा मंडराने लगा है और सरसों की फसल पर इसका प्रकोप सबसे ज्यादा होने लग रहा है। समय रहते अगर इसका ईलाज नहीं किया गया तो फिर किसानो को सरसों की फसल में पैदावार बहुत कम मिलेगी जिससे उनको आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। चलिए जानते है सरसों की फसल में आने वाली इस नई बीमारी और इसके उपचार के बारे में।

सरसों की फसल में कौन सा रोग लगा है?

इस समय किसान सरसों में लगी एक नई बिमारी को लेकर परेशान है और उस नये रोग का नाम है सफेद रोली। ये रोग फसल को इस समय ख़राब करने में लगा है। इस रोग से किसान भाइयों को अपनी सरसों की फसल से बचाव करना होगा। आपको बता दें की अधिक शर्दी को कई कई दिन तक धुप नहीं निकलने के कारण सरसों की फसल में सफेद रोली नामक रोग लग जाता है और इससे फसल को काफी नुकसान होता है। हरियाणा और राजस्थान के कई जिलों में सफेद रोली नामक रोग का प्रकोप किसान को अपनी फसलों में देखने को मिलता है और इसके बाद किसानों का यही कहना है की इसका समय रहे उपचार नहीं किया गया तो फिर इस बार अधिक रकबे में सरसों की खेती करने का कोई लाभ नहीं है।

Farmers beware, new disease has appeared in mustard
सरसों में आई नई बिमारी, देखें उसका लक्षण और बचाव करने का तरीका

सरसो की फसल में सफेद रोली रोग जब लग जाता है तो फिर ये रोग पौधों को ख़त्म करने लग जाता है। पौधे मुरझा जाते है क्योंकि इस रोग के कारण दूप निकलने के बाद में भी पौधे अपनी प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाते है। सफेद रोली रोग सरसों के पत्तों और तनो दोनों के ऊपर एक लेयर के रूप में चिपक जाता है और धीरे धीरे पौधे को खाने लग जाता है। ये पौधों का रास चूस लेते है और पौधे धीरे धीरे खत्म होने लगते है।

सरसों में सफेद रोली रोग से बचाव कैसे करें?

अगर आपको लगता है की आपके इलाके में इस रोग का काफी असर हो रहा है तो आपको बिना देरी किये अपनी सरसों की फसल पर दवाओं का छिड़काव कर देना चाहिए ताकि रोग का प्रकोप आपके खेत के पास तक ना आने पाये। आप समय रहते इस रोग को रोक सकते है और इसके अलावा आपके खेत में अगर इसका प्रकोप हो चूका है तो फिर आप अपनी फसल को इस रोग से बचाव कर सकते है।

new disease has appeared in mustard
सफेद रोली रोग तबाह कर रहा सरसों की फसल को

इस रोग की रोकथाम के लिए आपको प्रति एकड़ में 25 किलो सल्फर पाउडर का छिड़काव अपनी सरसों की फसल में करना होता है। कृषि विभाग के सहायक कृषि निदेशक राजेंद्र बसवाल के अनुसार किसान भाइयों को अपने सरसों के खेत में जाकर इस रोग के बारे में पता करना बहुत जरुरी है और उन्हें लगता है की ये रोग उनकी फसल में लग चूका है तो उनको तुरंत प्रभाव से अपने खेत में 25 किलो सल्फर पाउडर को अपने एक एकड़ के खेत में छिड़काव कर देना चाहिए। इसके छिड़काव के बाद में ये रोग ख़त्म हो जाता है और आपकी फसल में होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।

सरसों की फसल में लगने वाले रोग

जिस रोग के बारे में हमने आपको यहां पर बताया है उसके अलावा भी सरसों की फसल में कई रोग और भी लगते है जिनके बारे में भी किसान भाइयों को सतर्क रहने की जरुरत होती है। सरसों में चैंपा (मोयला) कीट रोग, पेन्टेड बग कीट, आरा मक्खी कीट, तना गलन रोग, झुलसा रोग और तुलासिता (डाउनी मिल्ड्य) रोग से काफी नुकसान होता है। इसलिए किसान भाइयों को अपनी फसल में इन रोगों के लगने का भी ध्यान रखना होता है ताकि समय रहते फसल में सही उपचार करके अच्छी पैदावार ली जा सके।

मैं शुभम मौर्या पिछले 2 सालों से न्यूज़ कंटेंट लेखन...

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