इंडस जल संधि निलंबन के बाद भारत का कड़ा कदम, चिनाब नदी पर बगलिहार बांध के गेट बंद, पाकिस्तान की पानी सप्लाई रोकी

नई दिल्ली, 04 मई 2025: भारत ने इंडस जल संधि को निलंबित करने के बाद एक बड़ा और कड़ा कदम उठाते हुए चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध के सभी गेट बंद कर दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को होने वाली पानी की सप्लाई को पूरी तरह से रोक दिया गया है। यह कदम भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर मोदी सरकार की सख्त नीति को दर्शाता है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया गया फैसला
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के बाद भारत ने इंडस जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया। इस हमले में ज्यादातर पर्यटक मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके जवाब में भारत ने यह कड़ा कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध के गेट बंद कर पानी का प्रवाह रोक दिया है और जल्द ही झेलम नदी पर किशनगंगा बांध पर भी इसी तरह की कार्रवाई की योजना है।
पाकिस्तान की 80% खेती प्रभावित होने की आशंका
इंडस नदी और उसकी सहायक नदियां पाकिस्तान की 80% कृषि भूमि की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के इस कदम से पाकिस्तान की खाद्य उत्पादन क्षमता पर गहरा असर पड़ सकता है। 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई इंडस जल संधि के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच पानी का बंटवारा होता है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने इस संधि को खतरे में डाल दिया है।
मोदी सरकार का साफ संदेश: सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी कहा था कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” भारत ने इस संधि को निलंबित कर साफ कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। बगलिहार बांध, जो जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में स्थित है, एक रन-ऑफ-द-रिवर हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है। यह बांध भारत को पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने की क्षमता देता है, जिसका उपयोग अब पाकिस्तान को जवाब देने के लिए किया जा रहा है।
पाकिस्तान ने बांध के डिजाइन को लेकर जताई थी आपत्ति
बगलिहार बांध लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का कारण रहा है। पाकिस्तान ने इस बांध के डिजाइन को लेकर कई बार आपत्ति जताई और विश्व बैंक की मध्यस्थता भी मांगी। 2007 में विश्व बैंक के विशेषज्ञ रेमंड लाफिट ने कुछ बदलावों के साथ भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था। हालांकि, अब भारत ने इस संधि को निलंबित कर एक नया कदम उठाया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है।
सूत्रों के अनुसार, भारत किशनगंगा बांध पर भी पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, रावी नदी पर शाहपुरकांडी बांध के जरिए भी भारत ने पहले ही पानी को डायवर्ट करना शुरू कर दिया है। भारत का यह कदम पाकिस्तान को कड़ा संदेश देता है कि आतंकवाद और भारत की सुरक्षा के मुद्दे पर अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।