Best varieties of wheat: गेहूं (Wheat Farming) की बुवाई के लिए अब रबी सीजन शुरू हो रहा है और किसानो ने अपने खेतों में अब सरसों और गेहूं की बुवाई के लिए जोरशोर से शुरुआत कर दी है। किसान भाइयों को अपने खेतों में उन्नत किस्मों (Best varieties of wheat seeds) का चुनाव करना बहुत जरुरी होता है ताकि उनके खेत में पैदावार अधिक मिल सके। यहां कुछ गेहूं की उन्नत किस्मों (Best varieties of wheat) की जानकारी दी है जिनकी बुवाई करके किसान भाई आसानी से अपने खेत में गेहूं की अधिक पैदावार ले सके हैं।

फिलहाल देश के कई राज्यों में तो सरसों की बुवाई किसान भाई कर चुके हैं लेकिन गेहूं की बुवाई अभी शुरू नहीं हुई है। इसलिए किसान भाइयों को पहले ही अपनी फसल के लिए उन्नत किस्मो का चुनाव कर लेना चाहिए ताकि पैसवार अधिक मिल सके। ज़माने के साथ साथ वैसे कृषि में भी बहुत सारे बदलाव हो चुके है और अब हमारे वैज्ञानिकों ने भी कई इसी किश्मे ईजाद कर दी हैं जो किसानो के लिए वरदान से कम नहीं है।

इस आर्टिकल में हमने जो गेहूं की उन्नत किस्मों (Best varieties of wheat) के बारे में बतया है वे सभी किस्मे कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा टेस्टेड है उनके द्वारा अधिक पैदावार देने के लिए विकसित की गई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल (IIWBR) के अनुसार गेहूं की ये पांच उन्नत किस्मे किसानो को बम्पर पैदावार देती है। तो चलिए देखने हैं की वे कौन कौन सी गेहूं की उन्नत किस्मे है। top 5 variety of wheat

करण नरेन्द्र (Karan Narendra) DBW-222

गेहूं की ये किस्म अभी जो नै किस्मे आई हैं उनमे से एक किस्म है। इस किस्म को करण नरेंद्र के अलावा डीबीडब्ल्यू 222 (DBW-222) के नाम से भी जाना जाता है। इस किस्म को कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा साल 2019 में विकसित किया गया था। इस किस्म की बिजाई किसान भाई अपने खेतो में 25 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच कर सकते है। इस किस्म की खेती में किसान भाई को 5 से 6 सिंचाई करने की जरुरत होती है और इसकी गुणवत्ता तथा इस किस्म के गेहूं से बानी रोटियां खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है। किसान भाई प्रति हेक्टेयर आसानी से 65.1 से 82.1 क्विंटल तक पैदावार ले सकते है। गेहू की ये किस्म बुवाई के बाद लगभग 143 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

करन वंदना (Karan Vandana) DBW-187

गेहूं की इस किस्म की सबसे खास बात ये होती है कि इसमें पीला रतुआ और ब्लास्ट जैसी बीमारियां लगने की संभावना बहुत कम होती है। इस करण से किसानो को अपने खेत में इस किस्म से बम्पर पैदावार लेने में सहायता मिलती है। इस किस्म को करन वंदना के अलावा डीबीडब्ल्यू-187 (DBW-187) के नाम से भी जाना जाता है। गेहूं की ये किस्म गंगा तटीय क्षेत्रों में बुवाई के लिए अच्छी मानी जाती है। इसकी फसल बुवाई के लगभग 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर किसान भाई लगभग 75 क्विंटल गेहूं पैदावार आसानी से ले सके हैं। Best varieties of wheat in the world

पूसा यशस्वी (Pusa Yashasvi)

गेहूं की इस किस्म की खेती कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के किसान भाइयों के लिए सबसे सही मानी जाती है। यह किस्म फफूंदी और गलन रोग प्रतिरोधक होती है। गेहूं की इस किस्म की बुवाई का सही समय 5 नवंबर से 25 नवंबर तक होता है और किसान भाइयों को इस दौरान इसकी बुवाई कर देनी चाहिए। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर किसान भाई आसानी से 57.5 से 79. 60 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते है।

करण श्रिया (Karan Shriya)

Best quality wheat variety in India: गेहूं की ये किस्म जून 2021 में कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा इजाद की गई थी और इस किस्म की खेती के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में ज्यादा की जाती है। ये किस्म लगभग 127 दिनों में बुवाई के बाद पाक का तैयार हो जाती है और इसमें सिर्फ एक सिंचाई की जरूरत पड़ती है। किसान भाई इस किस्म से अपने खेत में प्रति हेक्टेयर अधिकतम पैदावार 55 क्विंटल तक पैदावार ले सकते है।

डीडीडब्ल्यू 47 (DDW47)

गेहूं की ये किस्म भी किसानो को बहुत फायदा देती है। गेहूं की बाकि किस्मों के मिक़बले में इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। ये किस्म कई रोगों से लड़ने में भी सक्षम होती है। किसान भाई इस किस्म की बुवाई के बाद प्रति हेक्टेयर में आसानी से 74 क्विंटल तक की पैदावार ले सकते है।

मैं शुभम मौर्या पिछले 2 सालों से न्यूज़ कंटेंट लेखन...

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