नई दिल्ली: SBI New FD Scheme – भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने अपने ग्राहकों के लाभ को ध्यान में रखते हुए एक नई FD Scheme को शुरू कर दिया है जिसमे ग्राहकों को अब देखिये कितना ब्याज मिलने वाला है। भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) की तरफ से शुरू की गई इस नई FD Scheme को SBI Green Rupee Term Deposit (SGRTD) नाम दिया गया है। चलिए देखते है की आखिर क्या क्या इस नई FD Scheme में ग्राहकों को मिलने वाला है।
भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) की तरफ से शुरू की गई इस नई एफडी स्कीम में निवेश की अवधी को तीन भागों में बांटा गया है जिसमे 1111 दिन की एफडी स्कीम, 1777 दिन की एफडी स्कीम और 2222 दिन की एफडी स्कीम रखी गई है। अगर आप भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) की इस नई एफडी स्कीम में निवेश करना चाहते है तो आपको या तो बैंक में जाना होगा या फिर आप ऑनलाइन योनो से घर बैठे भी निवेश कर सकते है।
SBI Green Rupee Term Deposit (SGRTD) में कौन निवेश कर सकता है?
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से शुरू की गई इस SBI Green Rupee Term Deposit (SGRTD) Scheme में भारत के निवासियों के साथ साथ एनआरआई और गैर वयक्ति के लिए शुरू की गई है। इस नई एफडी स्कीम में निवेश करने वाले अपनी पसंद के हिसाब से किसी भी अवधी का चुनाव करके अपना निवेश शुरू कर सकता है।
SBI Green Rupee Term Deposit (SGRTD) में ब्याज दरें
इसमें ग्राहकों को ब्याज अलग अलग दिया जा रहा है जिसमे खुदरा निवेश के लिए अलग है और थोक निवेश पर अलग ब्याज दरें है। खुदरा में निवेश के लिए ग्राहकों को 1111 और 1777 दिन की एफडी पर 6.65 फीसदी के हिसाब से ब्याज दिया जाना है और 2222 दिन की एफडी स्कीम में 6.40 किस्डि के हिसाब से ब्याज दिया जाना है।
वहीं थोक निवेश के लिए इस स्कीम में ग्राहकों को SBI की तरफ से ग्राहकों को 1111 और 1777 दिन की एफडी पर 6.15 फीसदी के हिसाब से ब्याज दिया जाना है और 2222 दिन की एफडी स्कीम में 5.90 किस्डि के हिसाब से ब्याज दिया जाना है।
क्या है SBI Green Rupee Term Deposit (SGRTD)
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से जारी एक अधिसूचना के अनुसार ग्रीन फिक्स्ड डिपॉजिट (Green Deposit) एक प्रकार का फिक्स्ड टर्म डिपॉजिट ही है जिसके तहत निवेश करने वाले अपने पैसे को पर्यावरण के हितों के लिए चल रहे प्रोजेक्ट के लिए निवेश करते है। इसमें रिन्युअल एनर्जी, एनर्जी एफिशिएंट, वाटर कंजर्वेशन और पॉल्यूशन कंट्रोल आदि के प्रोजेक्ट शामिल है।