लखनऊ (UP) – यूपी के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति की तरफ से यूपी की जेलों में बंद कैदियों के लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया गया है। अब यूपी की जेलों से आपको हनुमान चालीसा और सुन्दरकाण्ड का पाठ की आवाजें सुनने को मिलने वाली है। जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति की तरफ से इसको लेकर आजमगढ़ की जेल में कैदियों को सम्बोधित करते हुये इसके बारे में जानकारी दी।
आपको बता दें की कैदियों के लिए सरकार की तरफ से लिया गया ये बहुत बड़ा फैसला होगा और इससे कैदियों में एक सुधार आने की भी उम्मीद है। अभी तक जेल में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती थी की कैदी हनुमान चालीसा या फिर सुन्दरकाण्ड का पाठ कर सके लेकिन अब आगे से कैदियों को इसकी सुविधा उत्तर प्रदेश की जेलों के अंदर दी जायेगी।
जेल में नमाज की होती है छूट
सभी जेलों के अंदर सभी धर्मों और समुदाय के लोग कैदी के रूप में बंद होते है और ऐसे में मुस्लीमों को जेल के अंदर नमाज पढ़ने की आजादी होती है और यहाँ तक की उनके लिए जेल में अलग से इंतजाम भी होते है ताकि कैदी आराम से नमाज पढ़ सके। सरकार की तरफ से नमाज में किसी भी प्रकार क कोई रुकावट नहीं डाली जाती बल्कि इसके लिए अलग से प्रावधान भी है की मुस्लिम कैदी नमाज पढ़ सकता है।
अब जेल में होगी हनुमान चालीसा
जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति की तरफ से कहा गया है की जेल में सभी धर्मों के कैदी हैं और उनको पूरा हक़ है की वे अपने आराध्य की आराधना करें। जिस तरफ से मुस्लिमों को नमाज की इजाजत है और पुरे इंतजाम है ठीक ऐसे ही सभी धर्मों के लिए अब इसकी इजाजत है की वे अपने आराध्य की आराधना करें। इसलिए हिन्दू कैदियों के लिए भी अब हनुमान चालीसा का पाठ और सुन्दरकाण्ड का पाठ करने की व्यवस्था की जाएगी ताकि जो कैसी आराधना करना चाहे वो कर सके।
किसी पर दवाब नहीं होगा।
जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति की तरफ से कहा गया की किसी भी कैदी पर किसी भी तरह का कोई दवाब नहीं होगा की उसको आराधना करनि है या नहीं करनी है। कैदी का मन है तो वो हनुमान चालीसा और सुन्दर कांड का पाठ करे और नहीं मन है तो ना करें। ऐसी तरफ बाकि के धर्म के कैदियों पर भी कोई पाबन्दी नहीं है।
मंत्री की तरफ से कहा गया की नवरात्री के दौरान हमने जेल में फल और मिष्ठान के साथ में हमारे पास कुछ सुन्दरकाण्ड की किताबें थी जो हमने कैदियों में वितरित की थी। उस समय कैदियों में काफी उत्साह इस चीज को लेकर देखा गया था। मथुरा और आगरा की जेलों में सुन्दरकाण्ड की किताबें बनती गई तो वहां पर भी काफी उत्सुकता कैदियों में देखने को मिली थी। इसलिए अब आगे से जेल में कैदियों के लिए ये सुविधा दी जायेगी।