नई दिल्ली: उत्तरकाशी में सुरंग हिस्से को अब बहुत दिन बीत चुके हैं और अभी भी मजदूर सुरंग के अंदर ही फंसे हुए है। काफी कोशिशों के बाद से प्रशाशन की तरफ से ऑगर मशीन को ड्रिलिंग करने के लिए लगाया गया था और उसके बाद से सभी को यही उम्मीद थी की ऑगर मशीन से ड्रिलिंग करके सभी मजदूर जल्दी ही बाहर आ जायेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के समय उसके सामने एक रहे की रोड आने की वजा से उसका ब्लेड टूट गया और इसी के साथ सबकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। ब्लेड टूटने से ऑगर मशीन ने काम करना बंद कर दिया और इसके कारण बचाव का कार्य अब धीमा पड़ गया है।
मशीन के ख़राब होते ही वहां पर काम में लगी संस्थाओं ने अब दूसरे विकल्पों की और ध्यान देना शुरू कर दिया है। आपको बता दें की मजदूरों तक पहुंचने में केवल कुछ मीटर शेष रह गए हैं ऐसे में दो योजनाओं पर अब काम आगे बढ़ाया जाना है। जिसमे पहली सुरंग में बचाव अभियान को लंबवत रूप चालू रखने की योजना है।
इसी के साथ में ऑगर मशीन से ड्रिलिंग करने के बाद करीब 10 मीटर ड्रिलिंग बाकी रह जाती है तो उसको मैन्युअल रूप से ड्रिल किया जाना चाहिए ताकि मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकला जा सके। इस योजना पर विशेषज्ञ और सरकार में आम सहमति बनती नजर आ रही है।
वर्टिकल ड्रिलिंग भी होगी आज से शुरू
वर्त्वाल ड्रिलिंग करने के लिए मशीन को पहाड़ पर मशीन को प्लेटफार्म तक पहुंचाना होगा ताकि वहां से पहाड़ में ड्रिलिंग का काम शुरू किया जा सके। शनिवार को काफी कोशिशों के बाद में मशीन को केवल 600 मीटर की ऊंचाई तक ही ले जाय गया और अभी मशीन को 1100 मीटर की ऊंचाई और लेकर जाना है तभी आगे का काम शुरू हो सकता है।
जब मशीन ऊपर पहुँच जायेगी तो इस मशीन को ऊपर से निचे तक खड़ी ड्रिलिंग करने के लिए लगभग 86 मीटर तक ड्रिलिंग करनी होगी तभी मजदूरों तक पहुंचा जा सकेगा। सभी इसी कोशिश में लगे हैं की कैसे भी करके जल्द से जल्द काम करने वालों को सुरंग से बाहर निकाला जाए ताकि उनकी जान बचाई जा सके।