नई दिल्ली: Agriculture News – कृषि उत्पादन में भारत लगातार तेजी से विकास कर रहा है और केंद्र सरकार किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं ला रही है, जिससे कृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके, लेकिन इसके बावजूद भी भारत चीन से पीछे है। चीन का अन्न उपज प्रति हेक्टेयर 5800 किलोग्राम से भी अधिक है, वहीं दूसरी तरफ भारत में यह 3000 किलोग्राम से भी कम है, इस तरह से यदि देखा जाए, तो भारत अभी चीन से काफी पीछे है।

सरकार दे रही है कृषि उत्पादकता को बढ़ावा

सरकार कृषि उत्पादकता को लगातार बढ़ावा दे रही है और किसानों के लिए कई योजनाएं भी ला रही है, जिससे किसान बेहतर ढंग से खेती कर सकें, लेकिन भारत अभी भी कृषि उत्पादकता में काफी पीछे है, इसके एक बड़ी वजह है, कि किसान अभी भी पहले के समय जैसी खेती कर रहे हैं और उन्हें अभी आधुनिक खेती के बारे में इतनी जानकारी नहीं है तथा दूसरी वजह है, कि किसानों को सरकार की योजनाओं का बेहतर ढंग से लाभ नहीं मिल पाता है अथवा किसान उन योजनाओ के प्रति जागरूक नहीं है।

सरकार ने बजट सत्र के दौरान कृषि उत्पादन के लिए अधिक पैसे खर्च किए और सरकार का कहना है, कि अब धीरे-धीरे ड्रोन तकनीक जैसी नई-नई तकनीक का इस्तेमाल करके कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है, कि भारत कृषि क्षेत्र में बेहतर कार्य कर सकता है, क्योंकि यहां के किसान काफी मेहनती है और यहां पर किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है, बस जरूरत है बेहतर दिशा में काम करने की।

देश के अर्थशास्त्री की क्या है कृषि उत्पादन पर राय

देश के अर्थशास्त्रियों का मानना है, कि कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने से पहले सरकार को किसाने की आय बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। उन लोगों का कहना है, कि बहुत सारे किसान प्रत्येक साल भारत में आत्महत्या करते हैं, क्योंकि उनकी फसल कई बार नष्ट हो जाती है, उसके लिए उन्हें मुआवजा भी नहीं मिलता है, इसलिए किसानों की आय इतनी कम होती है, कि वह खेती छोड़कर दूसरे कार्य को करने लगते हैं और अब बहुत सारे किसान खेती करना पसंद नहीं कर रहे हैं।

इसीलिए सरकार को किसाने की आय बढ़ाना चाहिए, जिससे किसान खेती करने के प्रति जागरूक हो और उन्हें उसके बाद नई तकनीक के माध्यम से उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानो को पैसे देने का  निर्णय लिया था, वह किसानों की आय बढा़ने के लिए एक बेहतर फैसला था।

सरकार ने एक कमेटी बनाई थी, जिसने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अपना राय दिया उसका मानना था, कि सरकार को ऐसे टिकाऊ एवं सस्ते उपकरण बनाने पर ध्यान देना होगा, जो बेहतर ढंग से कम कर सके और किसानों के लिए फायदेमंद हो एवं वह सस्ते कीमत पर हो।

क्योंकि यदि कोई ऐसा उपकरण बनाया जाता है, जो किसानो की बजट से बाहर होगा, तो किसान उस उपकरण का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे और उस उपकरण को बनाने का कोई मतलब नहीं होगा, इसलिए कोई सस्ता उपकरण बनाना होगा, जो लंबे समय तक टिकाऊ हो।

फिलहाल अभी भारत चीन से काफी पीछे है और अभी चीन को पीछे करने के लिए भारत को काफी लंबा समय लग सकता है, लेकिन यदि लगातार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा, तो अगले 15 सालों के अंदर भारत नंबर वन पर आ सकता है।

मैं शुभम मौर्या पिछले 2 सालों से न्यूज़ कंटेंट लेखन...

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