भगोड़े ललित मोदी ने ली वानुअतु देश की नागरिकता

साल 2010 में एक चेहरा जो भारत में चर्चा का केंद्र बना उसका नाम था ललित मोदी जो की IPL को लेकर चर्चा में रहा था। फ़िलहाल ललित मोदी ने वानुअतु देश की नागरिकता हासिल कर ली है। ललित मोदी का जन्म 29 नवंबर 1963 में हुआ था और इंडियन प्रीमियर लीग का पूर्व चैयरमेन एवं संस्थापक भी था। साल 2005 में BCCI के उपाध्यक्ष्य भी बने थे और साल 2008 में IPL की शुरुआत भी की थी। जो की आज के समय में सबसे पॉपुलर क्रिकेट लीग के रूप में जानी जाती है।
इस लीग में अरबो डॉलर का कारोबार होता है। साल 2010 में ललित मोदी के ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग एवं फिक्सिंग जैसे आरोप लगे, जिसके कारण ललित मोदी पर वर्तन निदेशालय (ED) और भारत सरकार की तरफ से जाँच जारी है। और भारत सरकार ने ललित मोदी को भगोड़ा घोषित किया हुआ है। 2010 में ललित मोदी लंदन चला गया था और तब से वही पर रह रहा है। उसका प्र्त्यपण अभी तक नहीं हो सका है। लेकिन अभी हाल ही में खबर आ रही है की ललित मोदी ने वानुअतु देश की नागरिकता ले ली है।
कैसे मिलती है वानुअतु देश की नागरिकता
इस देश में नागरिकता का प्रावधान काफी सरल है और यहाँ पर टेक्स सम्बंधित छूट भी काफी अधिक है। 1 करोड़ रु के निवेश के साथ यहाँ पर कोई भी व्यक्ति स्थाई नागरिकता प्राप्त कर सकता है। और डेढ़ करोड़ रु के निवेश के साथ परिवार के साथ वानुअतु देश में कोई भी व्यक्ति नागरिकता ले सकता है। इसके साथ ही नियम ये भी है की यदि कोई व्यक्ति देश में 10 साल तक लगातार रहता है तो नागरिकता मिल जाती है। और यदि कोई व्यक्ति वानुअतु देश के नागरिक के साथ शादी करता है तो नागरिकता 2 साल में मिल जाती है।
ललित मोदी ने इस देश की नागरिकता ले ली है। ललित मोदी के क़ानूनी सलाहकार मेहबूब अब्दी ने भारतीय विदेश मंत्रालय में पासपोर्ट सरेंडर की प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया है। और भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इसकी पुष्टि की गई है। इससे भगोड़े ललित मोदी को वापस भारत लाने की प्रक्रिया में दिक्क्त बढ़ सकती है।
वानुअतु 80 से अधिक द्वीपों का एक समूह है जो की प्रशांत महासागर के दक्षिण में एक द्वीप देश है। इसकी राजधानी पोर्ट विला है और यहाँ पर इंग्लिश, फ्रेंच और बीसलामा भाषा बोली जाती है। यहाँ पर 3 लाख के करीब जनसंख्या है जो की ईसाई धर्म को मानती है। यहाँ संसदीय गणराज्य सरकार है । इस देश की अर्थव्यस्था मुख्य रूप से कृषि, पर्यटन, और मत्स्य व्यवसाय पर निर्भर है। इस देश में टैक्स नाममात्र का होता है। जिससे लोग यहाँ निवेश के लिए आकर्षित होते है। इस देश को दुनिया के सबसे खुशहाल देशो में माना जाता है।