मानसून को लेकर पूर्वानुमान जारी, जाने कैसी होगी इस बार मानसून में बारिश

देश के लिए मानसून कृषि क्षेत्र के लिए अहम है। और हर बार किसान मानसून का बेसब्री से इंतजार करते है। पिछले साल भी मानसून में ठीक बारिश हुई थी और अब साल 2025 में मानसून आने वाले है उसके लिए भी विदेशी एजेंसी ने पूर्वानुमान जारी किया है। इस बार भारत में आने वाला मानसून अच्छी बारिश लेकर आने वाले है। देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश सामान्य एवं कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य से अधिक रहने वाली है। इस बार मानसून एवं प्री मानसून को लेकर यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट ने भी पूर्वानुमान जारी कर दिया है।
आपको बता दे की यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट यानि की ECMWF एक यूरोपियन वेअथेर फोरकास्ट आर्गेनाइजेशन है जो की विभिन्न देशो के लिए मौसम सम्बंधित डेटा जारी करता है। ये खासतौर पर जलवायु परिवर्तन, वायमण्डलीय गतिविधियों पर निगरानी एवं बदलाव सम्बंधित जानकारी, मौसम पूर्वानुमान के लिए IFS का उपयोग करता है। जिससे सटीक जानकारी मिलती है। ECMWF जलवायु परिवर्तन, वायुमण्डलीय स्थितियों एवं आपदा प्रबंध जैसे क्षेत्र में गहन रीसर्च करता है।
मानसून को लेकर पूर्वानुमान जारी
यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट ने हाल ही में प्री मानसून एवं मानसून को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है। इस बार प्री मानसून के दौरान भी केरल एवं आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश से शुरुआत हो सकती है। भारत के उत्तर पश्चिमी हिस्सों में इस बार प्री मानसून के दौरान भारी बारिश की गतिविधिया मानसून के दौरान रहने वाली है । मध्य भारत एवं अन्य हिस्सों में इस बार सामान्य से अधिक बारिश देखने को मिलेगी।
भारत में मानसून का आगमन
मई महीने से ही मानसून के आगमन की परिस्थितिया तैयार होने लगती है। और भारत में दक्ष्णि पश्चिमी मानसून जून महीने की शुरुआत के साथ केरल तटों पर दस्तक डेटा है। पुरे देश में जून से सितम्बर माह तक मानसून कवर करता है और अच्छी बारिश पुरे देश के अलग अलग हिस्सों में दर्ज की जाती है। पुरे देश में एक साथ मानसून नहीं आता है। केरल में मानसून आने के बाद धीरे धीरे ये अन्य क्षेत्रों में कवर करता है। 1 जून से केरल तटों पर मानसून की दस्तक होती है। इसके बाद 10 जून के आसपास मानसून कर्नाटक, गोवा एवं महाराष्ट्र राज्य को कवर करता हुआ आगे बढ़ता है। 15 जून के आसपास ये मुंबई एवं पश्चिमी तटों को कवर करता हुआ 20 से 25 जून के आसपास मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित आसपास के हिस्सों को कवर करता है।
1 जुलाई के आसपास हरियाणा, पंजाब, दिल्ली सहित अन्य हिस्सों में प्रवेश करता है। जिसके प्रभाव से अच्छी बारिश की गतिविधिया दर्ज की जाती है। 15 जुलाई के आसपास मानसून जम्मू कश्मीर एवं उत्तर पूर्वी भारत के हिस्सों को कवर करता है। हालाँकि मानसून के आने का कोई फिक्स टाइम नहीं है ये कुछ दिन पहले भी आ सकता है या फिर लेट भी हो सकता है। मानसून को प्रभावित करने वाली मौसमी प्रणाली किस तरह की परिस्थिति बनाती है उस पर मानसून की स्थिति निर्भर करती है।