कोई आपके फ़ोन से आपकी जासूसी तो नहीं कर रहा है, ऐसे करें पता 2 मिनट में
दोस्तों आज के समय में ये खतरा बड़े लोगों को ही नहीं है बल्कि इससे आम जनता भी काफी परेशान है और उनको भी कई बार भारी नुकसान से गुजरना पड़ता है। आप रोजाना अपने फ़ोन से बैंकिंग करते है, सोशल मीडिया अकाउंट चलाते है और कई अन्य कार्य करते है जिसमे आपके कुछ पर्सनल मूवमेंट के पिक्चर और वीडियो भी क्लिक करते है।

आज के समय में स्मार्टफोन लोगों की जिंदगी का ही एक हिस्सा बन चूका है और सुबह से लेकर शाम तक सभी लोग सोशल मीडिया ब्राउज़िंग से लेकर कैमरा और बैंकिंग आदि के सभी काम ऐसी के जरिये करते है। फ़ोन हर समय हमारे साथ में ही रहता है और एक मिनट के लिए भी लोग फ़ोन को अपने से दूर नहीं करते है। लेकिन क्या आपको पता है की ये फ़ोन ही आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा बन सकता है।
पूरी दुनिया में साईबर अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है और ऐसे में सभी लोगों को सतर्क रहने की जरुरत है। टेक्नोलॉजी के साथ साथ में साईबर अपराध भी काफी तेजी के साथ में बढ़ने लग रहे है। हैकर्स और साइबर जासूस नए-नए तरीकों से लोगों की निजी जानकारी चुराने का काम रोजाना कर रहे है। स्पाइवेयर और मैलवेयर जैसे खतरनाक सॉफ़्टवेयर आपके फोन की हर गतिविधि पर नजर रख सकते हैं और आपको इसका पता भी नहीं चलता।
सोचिये की अगर आपका पर्सनल डाटा किसी के हाथ में लग जाए तो क्या होगा? इसके आपको काफी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है और आपको कोई ब्लैकमेल भी कर सकता है। आइये आज के इस आर्टिकल में डिटेल में आपको बताते है की कैसे आप अपने फ़ोन में ये पता कर सकते है की कोई आपकी चुपचाप जासूसी तो नहीं कर रहा है और अगर ऐसा है तो आपको क्या क्या करना चाहिए ताकि इस समस्या से छुटकारा मिल सके।
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स्पाइवेयर क्या होता है और यह आपके फोन में कैसे घुसता है?
स्पाइवेयर एक खतरनाक सॉफ़्टवेयर होता है जिसे चोरी-छिपे आपके फोन में डाला जाता है ताकि आपकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। यह सॉफ़्टवेयर आपके फोन से डेटा चुराकर हैकर्स को भेज सकता है। यह किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने, किसी अनजान ऐप को डाउनलोड करने, या फिर किसी फर्जी ईमेल के जरिए आपके फोन में पहुंच सकता है।
बहुत से मामलों में लोग खुद अनजाने में अपने फोन में स्पाइवेयर को जगह दे देते हैं। जब कोई मुफ्त में कोई गेम, एप्लिकेशन या वीडियो डाउनलोड करता है तो उसके साथ यह खतरनाक सॉफ़्टवेयर भी इंस्टॉल हो सकता है। कई बार किसी नकली वेबसाइट पर क्लिक करने से भी यह आपके फोन में प्रवेश कर सकता है।
एक बार फोन में आने के बाद यह स्पाइवेयर बैकग्राउंड में काम करता रहता है और आपके कॉल्स, मैसेज, लोकेशन, बैंक डिटेल्स और यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक की जानकारी चुरा सकता है। इससे आपके निजी फोटो, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारियां हैकर्स के हाथों में पहुंच सकती हैं।
कैसे पहचानें कि आपका फोन स्पाइवेयर से संक्रमित है?
अगर आपका फोन ठीक से काम नहीं कर रहा तो यह समय है सतर्क होने का। कई बार स्पाइवेयर खुद को छिपाने में इतना माहिर होता है कि आम यूजर इसे पकड़ नहीं पाता। लेकिन कुछ खास संकेतों को पहचानकर आप जान सकते हैं कि आपका फोन सुरक्षित है या नहीं।
फोन की बैटरी अगर पहले की तुलना में तेजी से खत्म हो रही है तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि बैकग्राउंड में कोई अनजान सॉफ़्टवेयर लगातार काम कर रहा है। डेटा का अचानक और तेज़ी से खपत होना भी एक चिंता का विषय हो सकता है। अगर आपका फोन बिना किसी वजह के ज्यादा डेटा इस्तेमाल कर रहा है तो हो सकता है कि कोई स्पाइवेयर आपकी जानकारी इंटरनेट पर भेज रहा हो।
फोन का असामान्य रूप से गर्म होना भी एक बड़ा संकेत है। अगर बिना किसी भारी उपयोग के भी आपका फोन ज्यादा गर्म हो रहा है तो इसका मतलब हो सकता है कि उसमें कोई अनजान सॉफ़्टवेयर सक्रिय है। कैमरा और माइक्रोफोन का अपने आप चालू होना सबसे खतरनाक संकेतों में से एक है। अगर आपको यह महसूस होता है कि फोन की लाइट बिना किसी कारण जल रही है या कैमरा अपने आप ऑन हो जाता है तो यह सीधे तौर पर जासूसी की निशानी हो सकती है।
अगर आपको अपने फोन में कोई ऐसा ऐप दिखता है जिसे आपने खुद इंस्टॉल नहीं किया तो यह हैकर्स द्वारा इंस्टॉल किया गया हो सकता है। अनजाने ऐप्स का दिखना और फोन का बार-बार धीमा पड़ना भी स्पाइवेयर के लक्षण हो सकते हैं।
कैसे बचा जाए इस डिजिटल खतरे से?
अगर आपको लगता है कि आपका फोन जासूसी का शिकार हो रहा है तो इससे बचने के लिए कुछ खास कदम उठाने जरूरी हैं। किसी भी अनजान ऐप को डाउनलोड करने से बचें। हमेशा आधिकारिक ऐप स्टोर से ही ऐप इंस्टॉल करें। प्ले स्टोर और ऐप स्टोर के बाहर से किसी भी एप्लिकेशन को डाउनलोड करने से बचना चाहिए क्योंकि इन पर मौजूद फाइल्स में मालवेयर और स्पाइवेयर होने की संभावना अधिक होती है।
फोन की सेटिंग्स में जाकर देखें कि कौन-कौन से ऐप्स को कैमरा, माइक और लोकेशन की अनुमति मिली हुई है। अगर कोई ऐप जरूरत से ज्यादा परमिशन मांग रहा है तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। अपने फोन में एक अच्छा एंटीवायरस या सिक्योरिटी ऐप इंस्टॉल करें ताकि कोई भी खतरनाक सॉफ़्टवेयर डिटेक्ट किया जा सके। सिक्योरिटी ऐप्स बैकग्राउंड में चल रहे संभावित खतरनाक प्रोग्राम्स को रोकने में मदद कर सकते हैं।
संदिग्ध वेबसाइट्स और फर्जी लिंक्स पर क्लिक करने से बचें। अगर कोई अनजान लिंक सोशल मीडिया, ईमेल या मैसेज के जरिए आता है तो उसे खोलने से पहले दो बार सोचें। अपने फोन और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें। पुराने वर्जन में सुरक्षा कमजोरियां हो सकती हैं जिनका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपका फोन पूरी तरह से हैक हो चुका है तो फैक्ट्री रिसेट करना सबसे अच्छा उपाय हो सकता है। हालांकि इससे पहले अपने जरूरी डेटा का बैकअप लेना न भूलें।
जागरूक रहना ही सबसे बड़ा बचाव है
तकनीक हमारे जीवन को जितना आसान बनाती है उतना ही खतरनाक भी हो सकती है अगर हम सतर्क न रहें। स्पाइवेयर जैसे साइबर खतरों से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि हम अपने फोन का इस्तेमाल समझदारी से करें। कभी भी किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें संदिग्ध ऐप्स डाउनलोड करने से बचें और अपने फोन की हर गतिविधि पर नजर रखें। अगर आपको लगता है कि आपका फोन अजीब तरीके से व्यवहार कर रहा है तो तुरंत सतर्क हो जाएं और ऊपर बताए गए उपाय अपनाएं।
आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा बन चुका है। साइबर अपराधियों के बढ़ते हमलों को देखते हुए हर स्मार्टफोन यूजर को सतर्क रहना चाहिए। स्पाइवेयर की पहचान करना मुश्किल हो सकता है लेकिन अगर बैटरी जल्दी खत्म हो रही हो, डेटा का अधिक इस्तेमाल हो रहा हो, फोन बार-बार गर्म हो रहा हो या फिर अनजान ऐप्स इंस्टॉल हो रहे हों तो समझ जाइए कि खतरा आपके करीब है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि के मामले में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ से संपर्क करें। अगर आप देरी करते है तो आपको भरी आर्थिक नुकसान भी हो सकता है और इससे आपकी प्राइवेसी को भी संकट उत्पन्न हो सकता है।