Post Office RD में 1 अप्रैल से कितना रिटर्न मिलेगा, बढ़ी हुई ब्याज दर से मिलेगा पैसा?
अगर डाकघर अपनी आरडी स्कीम की ब्याज दर में बढ़ौतरी करता है तो आपको 5 साल में कितना ब्याज अधिक मिलेगा। मौजूदा समय में 6.70 प्रतिशत सालाना ब्याज दर मिल रही है तो क्या इसको बढाकर 7.00 प्रतिशत सालाना किया जायेगा या फिर पहले की तरह से इसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला है। आइये डिटेल में इसको जानते है की कैसे क्या होने वाला है।

Post Office Recurring Deposit Scheme – डाकघर की बचत योजनाओं में जो ब्याज ग्राहकों को दिया जाता है वो ब्याज दर हर तीन महीने में संशोधित की जाती है। इस समय निवेश पर डाकघर की FD Scheme में, RD Scheme में, KVP Yojana में या फिर बाकी की अन्य योजनाओं में जो ब्याज दिया जा रहा है वो 31 मार्च 2025 तक के लिए है ओर इसके बाद ब्याज दरों में बदलाव होगा।
इसको भी पढ़ें: IPL शुरू होने से पहले दिल्ली कैपिटल से स्टार बल्लेबाज ने कॉन्ट्रैक्ट तोडा, लग सकता है बैन
तो क्या आपको 1 अप्रैल 2025 से बढ़ी हुई ब्याज दर के साथ में रिटर्न मिलेगा और ब्याज दर में कितनी बढ़ौतरी हो सकती है? हालांकि ये जरूरी नहीं है कि बढ़ौतरी ही होगी, क्योंकि कई बार RBI इन ब्याज दरों में कटौती भी कर देती है।
चलिए मान लेते है कि ब्याज दरों में कुछ इज़ाफ़ा होगा तो फिर निवेश पर आपको कितना रिटर्न मिलेगा? चलिए आज आपको इसकी गणना करके बताते है ओर साथ में ब्याज दर जब कब बढ़ाई जाती है इसकी भी जानकारी आपको देते है।
मौजूदा समय में मिल रही है ये ब्याज
पोस्ट ऑफिस की आरडी में निवेश पर इस समय 6.7 प्रतिशत सालाना ब्याज दिया जा रहा है ओर ये ब्याज दर कई तिमाही से बदला नहीं गया है। अब एक संभावना ये भी है कि हो सकता है कि ब्याज दर में फिर से इस साल की दूसरी तिमाही में भी कोई बदलाव ना हो।
लेकिन चलो मान लेते है कि ब्याज दर बढ़कर 6.7 प्रतिशत से 7.00 प्रतिशत हो जाती है तो आपको कितना रिटर्न मिलेगा? खैर इसकी गणना आगे करेंगे लेकिन उससे पहले ये जानते है कि आखिर कौन कौन से ऐसे पहलू है जो ब्याज दर में बढ़ौतरी के कारण होते है ओर RBI कब ब्याज दरों में बढ़ौतरी करती है।
ब्याज दर में कब इजाफा किया जाता है?
जब भी ब्याज दर में इजाफा किया जाता है तो हमेशा तीन पहलु काफी अहम होते है और उसीके हिसाब से ब्याज दर बढ़ानी है या फिर घटानी है इसका फैसला लिया जाता है। सबसे पहले महंगाई दर को देखा जाता है की ये अधिक तो नहीं है क्योंकि अगर महंगाई दर अधिक है तो फिर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ब्याज दर में इजाफा करने को मजबूर होता है।
इसके आलावा जो वेस्ट्रन कंट्री है जैसे अमेरिका या फिर ब्रिटेन या फिर फिर अन्य वैश्विक बाजार है उनके अगर ब्याज दर अधिक हो गई है तो फिर ब्याज दर में बढ़ौतरी करनी पड़ती है लेकिन ये भारत की सरकार पर निर्भर करता है।
अगर आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो जाता है और हर जगह आर्थिक मंदी छाई हुई है तो फिर बैंक अपनी ब्याज दर में इसलिए इजाफा कर सकता है क्योंकि उस समय उसको निवेशकों की जरुरत होती है और अधिक ब्याज दर के चलते आर्थिक मंदी में भी लोग निवेश करते है।
क्या पिछली तिमाही के अनुसार ब्याज दरें स्थिर भी रह सकती है?
बिलकुल ऐसा हो सकता है और ये संभव है क्योंकि अगर क्योंकि अगर सरकार अपने विकास कार्यों में लगी हुई है और RBI की तरफ से भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाता है तो भी ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होता है और पहले के जैसी ही ब्याज दर के साथ में ग्राहकों को रिटर्न मिलता रहता है।
इसके आलावा अगर देश में महंगाई नियंत्रण में रहती है तो भी RBI की तरफ से ब्याज नहीं बढ़ाई जाती है क्योंकि ऐसे में सरकार अर्थववस्था को बढ़ावा देने के लिए सस्ती दरों पर कर्ज देती है और इसी के चलते ब्याज दर में भी कोई बदलाव नहीं किया जाता है।
रेकरिंग डिपॉजिट की ब्याज दर अगर बढ़ती है तो कितना रिटर्न मिलेगा?
सरकार की तरफ से अगर ब्याज दर में बढ़ौतरी की जाती है और जो मौजूदा ब्याज दर है उसको बढाकर 7.00 प्रतिशत कर देती है तो आपको रिटर्न में कुछ अधिक लाभ मिल सकता है क्योंकि ब्याज दर अधिक होने से आपके निवेश की राशि पर मिलने वाला ब्याज का पैसा बढ़ जाता है। देखिये इसका पूरा गणित –
इसको भी पढ़ें: देखे आज के फ्रेश सोना चाँदी भाव
आप अगर हर महीने ₹5,000 का निवेश डाकघर की आरडी स्कीम में करते है तो आपका 5 साल का निवेश इस स्कीम में ₹4,20,000 का होता है। इस पर अगर हम ब्याज दर को 7.00 प्रतिशत सालाना मान कर चलते है तो आपको 5 साल के बाद में ₹1,22,312 ब्याज मिलता है जबकि जो कुल रिटर्न है वो आपको ₹5,42,312 मिलेगा।
अब इसको आज के समय में जो ब्याज दर दी जा रही हैउससे गणना करते है तो आपको 6.70 प्रतिशत सालाना के हिसाब से 5 साल के बाद में कुल ₹1,16,238 ब्याज मिलता है जबकि इस ब्याज दर से आपको जो कुल रिटर्न मिलेगा वो ₹5,36,238 होगा। इसलिए अगर ब्याज दर बढ़ती है तो हर महीने 5 हजार के निवेश पर 5 साल के बाद में आपको लगभग ₹6,070 अधिक मिलने वाले है।
डाकघर की आरडी में निवेश करने के लाभ
पोस्ट ऑफिस की आरडी स्कीम में निवेश करने का जो सबसे बड़ा लाभ है वो ये है की इसमें आपको निवेश में काफी लचीलापन मिलता है। आप इस योजना में हर महीने केवल ₹500 का निवेश कर सकते है और अधिकतम को लिमिट भी नहीं है।
इसके साथ ही ये स्कीम नौकरी करने वालो के लिए सही मानी जाती है क्योंकि हर महीने सैलरी में से कुछ पैदा बचाकर अगर आज इसमें निवेश शुरू किया जाता है तो आपने वाले समय में एक बड़ा अमाउंट आपको हासिल करने में ये स्कीम मदद करती है।
आपको इसमें पैसे की सुरक्षा मिल जाती है और समय पर ब्याज के साथ में पूरा पैसा मिलता है जिसकी गारंटी होती है। ये स्कीम भारत सरकार के संरक्षण में चलाई जाती है इसलिए आपको निवेश पर पैसे के डूबने की कोई चिंता करने की जरुरत नहीं रहती है।
कैसे निवेश किया जा सकता है इस योजना में
जैसा की हमने अपने पहले के कई आर्टिकल में भी आपको बताया है की डाकघर की किसी भी बचत योजना में आपको अगर निवेश करना है तो आपको इसके लिए डाकघर की किसी भी ब्रांच में जाना है और वहां पर योजना का आवेदन फॉर्म आपको भरना है।
आवेदन फॉर्म के साथ में आपको योजना से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट भी लगाने है जैसे आपका आधार कार्ड है या फिर पैन कार्ड और निवास का प्रमाण पत्र है आदि और आपको कितना समय के लिए निवेश करना है ये भी फॉर्म में भरकर जमा करना है।
इसके बाद में आपको हर महीने जो पैसा इस योजना में निवेश करना है उसकी पहली क़िस्त का पैसा भी भुगतान करना है और डाकघर से अपनी पासबुक ले लेनी है। पासबुक में आपके निवेश का पूरा विवरण दर्ज रहता है और साथ में आपको मच्योरिटी का लाभ कब मिलेगा या फिर कितना ब्याज दर मिल रहा है वो सब जांनकारी दर्ज रहती है।