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Agriculture News: सोयाबीन की सबसे बेस्ट किस्मे जो देंगी बम्पर पैदावार, किसान हो जायेंगे मालामाल

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नई दिल्ली. Agriculture News: सोयाबीन की खेती करके आज किसान बम्पर पैदावार ले रहे है लेकिन फिर भी किस्मों का चुनाव करने में जरा सी चूक किसानो के सपने और उनकी पूरे सीजन की मेहनत को ख़राब कर देती है। इसलिए किसानों को सोयाबीन की सबसे बेहतरीन किस्मों के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरुरी हो जाता है। किसान भाइयों के अपने क्षेत्र की जलवायु के हिसाब से सोयाबीन की किश्म का चुनाव करना चाहिए ताकि फसल में पैदावार भी अधिक हो और उसमे रोग लगने की गुंजाइस भी कम से कम रहे।

वैसे भी किसान भाई अब पारम्परिक खेती के साथ साथ में नई नई फसलों की बुवाई करने लगे हैजिससे उनकी आमदनी बढ़ती है। सोयाबीन भारत में बहुत अधिक मात्रा में पैदा की जाने वाली फसलों में से एक है और भारत के राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में इसकी खेती सबसे अधिक की जाती है। अगर हम पूरे देश के सोयाबीन उत्पादन की बात करें तो इसमें मध्यप्रदेश का योगदान 45 फीसदी होता है और महाराष्ट्र का योगदान 40 फीसदी होता है। जबकि बाकि राजस्थान हरियाणा यूपी आदि राज्यों में पैदा होती है। इसलिए अकेले भारत में ही सोयाबीन का करीब 12 से 14 मिलियन तन का उत्पादन होताहै जिसमे से बहुत अधिक मात्रा में सोयाबीन को दूसरे देशो में एक्सपोर्ट भी किया जाता है।

आज के इस आर्टिकल में हम किसान भाइयों को सोयाबीन की कुछ इसी किस्मों के बारे में बताने जा रहे है जो बुवाई के बाद किसानो को बम्पर पैदावार तो देंगी ही साथ में इनमे रोग प्रतिरोधक छमता भी अधिक रहती है जिससे रोगों के लगने का खतरा भी कम हो जाता है। इसके लिए किसान भाइयों से निवेदन है की इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अगर दी गई जानकारी आपको पसंद आये तो इसको शेयर भी जरूर करें ताकि दूसरे किसान भाइयों तक भी यह जानकारी पहुँच सके।

सोयाबीन की प्रताप सोया-45 किस्म

आपको बता दें की सोयाबीन की प्रताप सोया-45 किस्म अच्छी पैदावार देने वाली सबसे बेहतरीन किस्मों में गिनी जाती है। सोयाबीन की इस किस्म में एक और सबसे अच्छी बात ये होती है की ये किस्म पानी की कमी को भी आसानी से सहन कर जाती है। इस किस्म में 21 फीसदी तेल की मात्रा होती है और साथ में प्रोटीन 40 से 42 फीसदी तक होता है। इस किस्म को किसान भाई अपने खेतो में आसानी से पैदा कर सकते है क्योंकि ये किस्म सोयाबीन में लगने वाले येलो मोज़ेक नामक वायरस से काफी हद तक प्रतिरोधी चम्मता के साथ में होती है। इस किस्म को बुवाई करने के 85 से 90 दिन के अंतराल पर काटा जा सकता है। इस किस्म की सबसे अच्छी पहचान ये होती है की फूलों का रंग सफ़ेद और इसके दानो का रंग हल्का भूरा और पीलेपन के साथ में होता है।

सोयाबीन की जेएस 2034 किस्म

जिन किसान भाइयों के क्षेत्र में कम बारिश होती है और पानी की भी किल्लत रहती है उनको सोयाबीन की जेएस 2034 किस्म के साथ जाना अच्छा माना जाता है। सोयाबीन की जेएस 2034 किस्म की खेत में बुवाई करने के बाद किसान भाई 80 से 85 दिन के बाद कटाई कर सकते है। अगर प्रति अकड़ के हिसाब से पैदावार की बात करें तो ये किस्म करीब 22 से 25 क्विंटल प्रति अकड़ में हो जाती है। सोयाबीन की प्रताप सोया-45 किस्म की तरफ ही इस किस्म के फूलों का रंग भी सफ़ेद ही होता है लेकिन दानो का रंग हलके पिले रंग का होता है। तेल और प्रोटीन के मामले में भी ये किस्म सोयाबीन की प्रताप सोया-45 किस्म की तरह ही है।

सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म

सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म किस्म को बुवाई के बाद पकने में करीब 100 से 105 दिन का समय लगता है। अब किसान भाई सोच रहे होंगे की इसमें तो अधिक समय लगता है। लेकिन आपको बता दें की ये किस्म वैज्ञानिकों के द्वारा अभी हाल ही में इजाद की गई है जो की देश के छत्तीसगढ़, बंगाल, आसाम और उत्तर के राज्यों में बड़ी ही आसानी से पैदा होती है। रोग प्रतिरोधक चम्मता के हिसाब से ये किस्म सबसे बेस्ट है और इस किस्म में गर्डल बीटल, सफ़ेद कीट, स्टेम फ्लाई आदि रोगों से बचाव करने की गजब की रोग प्रतिरोधक छमता है। सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म में तेल की मात्रा 20 फीसदी के लगभग होती है और प्रोटीन की मात्रा 40 फीसदी होती है। सोयाबीन की इस फसल को किसान भाई आसानी से मशीनों के द्वारा कटाई कर सकते है क्योंकि इसकी फली भी मजबूत होती है।

तो किसान भाइयों ये थी सोयाबीन की बेहतरीन किस्मे जो किसान भाइयों को अपने खेतों में एक बार जरूर बोनी चाहिए। इन किस्मो में पैदावार तो अच्छी मिलती ही है साथ में इनमे गजब की रोग प्रतिरोधक छमता भी होती है। इसके कारण किसानो को अपनी फसल में जयदा कीटनाशकों का इस्तेमाल भी नहीं करना पड़ता। आपको ये आर्टिकल कैसा लगा यहां निचे स्माइली पर क्लिक करके जरूर बताये और स्माइली के निचे शेयर बटन पर क्लिक करके शेयर जरूर करें।

Vinod Yadav

I am Vinod Yadav, and I have been involved in news content writing for the past four years. Since May 2023, I have been associated with nflspice.com, where I have been consistently working on delivering news content. News writing is an art, and the most important aspect of this art is the ability to convey news accurately. I am constantly striving to refine this skill and enhance my writing.

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