क्या 31 मार्च के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें बढ़ेंगी? जानिए निवेश के फायदे और भविष्य की संभावनाएं
पिछले कई महीनों से सरकार की तरफ से एफडी की ब्याज दर में बढ़ौतरी नहीं की गई है और अभी 31 मार्च के बाद उम्मीद की जा रही है की इजाफा हो सकता है। लेकिन ब्याज दर बढ़ेगी या घटगी या फिर स्थिर रहने वाली है इसका हिसाब किसान कैसे होगा? देखें :

Fixed Deposit Interest Rate: क्या 31 मार्च 2025 के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में इजाफा होगा? ये सवाल आज के समय में निवेश करने वाला हर व्यक्ति कर रहा है ओर अभी को ये जानना है कि 31 मार्च 2025 के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में वृद्धि होगी या नहीं? आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति, और महंगाई दर पर निर्भर करेगा कि ब्याज दरों को बढ़ाना है या कम करना है। कई बार ब्याज दरों को स्थिर भी रखा जाता है।
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मौजूदा समय की अगर बार करें तो कुछ बैंक और वित्तीय संस्थाएं विशेष फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाएं पेश कर रही हैं जिनमें 7% से 8% तक की ब्याज दरें मिल रही हैं। उदाहरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अमृत वृष्टि एफडी स्कीम में 444 दिनों के लिए अपने ग्राहकों को 7.25% (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.75%) ब्याज दर दे रही है। इसके अलावा इंडियन बैंक की IND सुपर 400 डेज स्कीम में सुपर वरिष्ठ नागरिकों को 8.05% ब्याज दर का लाभ मिल रहा है। आईए थोड़ा ओर डिटेल में जानते है कि ब्याज दरों कम कब बढ़ौतरी होगी या फिर कटौती होगी।
31 मार्च के बाद एफडी में ब्याज दरें बढ़ेंगी या घटेंगी?
ब्याज दरों में क्या हलचल होगी इसको हम अलग अलग तीन पहलु से समझ सकते है। ब्याज दरें बढ़ सकती हैं अगर महंगाई दर (Inflation Rate) ज्यादा रहती है ओर जिससे RBI ब्याज दरें बढ़ाने पर मजबूर हो। इसके अलावा अमेरिका और अन्य वैश्विक बाजारों में ब्याज दरें ऊंची बनी रहती हैं तो भारत भी अपनी ब्याज दरें स्थिर या अधिक रखा सकता है। इसके अलावा आर्थिक मंदी के कारण निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बैंकों को अधिक ब्याज दर देनी पड़ सकती है।
31 मार्च 2025 के बाद ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं अगर RBI की रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं होता है। महंगाई दर सामान्य बनी रहती है और सरकार का ध्यान विकास योजनाओं पर रहता है तो भी कोई भी बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। इसके अलावा ब्याज दरें कम हो सकती हैं अग महंगाई नियंत्रित हो जाती है और RBI अपनी ब्याज दरें कम कर देता है। सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध कराने की कोशिश करती है।
आज के समय में एफडी में निवेश क्यों जरूरी है?
अगर आप अपने निवेश को सुरक्षित रखना चाहते हैं और बिना किसी जोखिम के सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं तो एफडी आज भी एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें निवेश करने पर कई लाभ ग्राहकों को मिलते है जिसमें सुरक्षित और गारंटेड रिटर्न का लाभ मिलता है। इसके साथ ही ग्राहकों को लिक्विडिटी का लाभ भी मिलता है ओर जब भी जरूरत पड़ जाती है तो एफडी को तुड़वा कर पैसे की निकासी कर सकते है।
अगर आप इनकम टैक्स में छूट चाहते हैं तो 5 साल की लॉक-इन पीरियड वाली एफडी चुन सकते हैं। इसमें धारा 80सी के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है। जरूरत पड़ने पर आप अपनी एफडी के बदले बैंक से 90% तक लोन ले सकते हैं। इससे आपको अपने पैसे निकालने की जरूरत नहीं पड़ती और आपकी एफडी जारी रहती है। इसके साथ ही एफडी को आप अपनी जरूरत के अनुसार 7 दिन से लेकर 10 साल तक के लिए कर सकते हैं। इससे आपको अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में आसानी होती है।
कौन-सी एफडी निवेश के लिए चुनें?
ये तो आपके ऊपर निर्भर करता है दोस्तों कि आप कौन सी एफडी में निवेश करना चाहते है। अगर आपको शॉर्ट-टर्म निवेश करना है तो 1 से 3 साल की एफडी सही रहेगी। अगर आपको लॉन्ग-टर्म निवेश करना है तो 5 साल या उससे अधिक की एफडी लेना बेहतर रहेगा। वैसे अधिकतर लोग 5 साल या फिर इससे अधिक अवधि की एफडी में निवेश करना पसंद करते है क्योंकि इसमें आयकर में छूट मिलने के साथ साथ अधिक ब्याज ओर अधिक रिटर्न मिल जाता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दरों का बढ़ना या घटना कई आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है। अगर आप सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं,तो एफडी अभी भी एक शानदार विकल्प है। साथ ही अगर ब्याज दरें बढ़ने की संभावना हो तो लंबी अवधि की एफडी कराने से ज्यादा फायदा हो सकता है। आपको आर्टिकल में दी जानकारी कैसे लगी कमेंट में जरूर बताना।
डिस्क्लेमर: आर्टिकल में बताई गई सभी बातें केवल आप सभी तक जानकारी को पहुंचाने के उद्देश्य से दी गई है ओर ये किसी भी प्रकार से निवेश की सलाह नहीं है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले योजना के नियमों को ध्यान से पढ़ें और अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर करें।