अधिक दूध देने वाली साहीवाल गाय के विशेष लक्षण और होने वाली बीमारिया

Sahiwal Breed Cow : हम आपको बता दे की हमारे देश में कम से कम 30 नस्ल की गाये पाई जाती है ,और जिसमे से कुछ गीर, रेड सिंधी, थापारकर, देवनी, साहीवाल आदि नस्ल की होती है। गाय एक पालतू पशु होता है और गाय को तो हमारे देश में माता के रूप में पूजा जाता है ,किसानो को भी गाय व्यवसाय करना पसंद होता है ,जिससे उनको अधिक फायदा भी होता है। साहीवाल नस्ल की गाये अधिक दूध देने वाली होती है। और यह नस्ल अधिकतम पाकिस्तान के साहीवाल जिले में पाई जाती है। साहीवाल नस्ल की गायो से डेयरी उद्योग करने में अच्छा मुनाफा होता है। यह कंसल अधिकतर घरो में भी पाई जाती है , लोग इसके दूध को बेचकर अधिक मुनाफा कमाते है। यह नस्ल मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार व मध्य प्रदेश में पायी जाती है। करनाल, अबोहर, हिसार के क्षेत्र में भी इस नस्ल की गाये पाई जाती है।
इसको भी पढ़ें: आदमी के सिर के बाल क्यों उड़ते हैं लेकिन औरतें गंजा क्यों नहीं होतीं? जानिए इसके वैज्ञानिक कारण
साहीवाल गाय को अधिक पसंद किया जाता है क्योकि यह गाय की नस्ल अधिक दूध देती है और किसान भाई भी इसकी इस नस्ल को ही आपने व्यवसाय के लिए चुनते है। यह नस्ल किसानो की अच्छी कमाई करवाती है आपको बता दे की जो गाय अधिक दूध का उत्पादन देती है ,वह अच्छी कमाई करवाती है ,लेकिन उनके बछड़े कृषि कार्य योग्य नहीं होते है। इसके अलावा वे गाय जो कम दूध का उत्पादन करती है उनके बछड़े काफी ज्यादा ताकतवर होते है। इसके बाद वह गाय जो दूध का उत्पादन भी ज्यादा करती है और उनके बछड़े भी काफी मजबूत और ताकतवर होते है।
गाय को भारत में गोमाता का दर्जा दिया है। हम आपको बता दे की गाय की पहचान तो हो सकती है लेकिन साहीवाल की पहचान करना कठिन होता है। इसलिए आज हम आपको साहीवाल की नस्ल की पहचान कैसे करे और उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी देंगे। आइये जानते है
साहीवाल गाय की नस्ल की पहचान कैसे करे ?
- साहीवाल गाय भारत की देशी नस्ल की गाय है। इस नस्ल की गाय में अफगानिस्तान किस्म की गाय का खून मिलता है।
- इस साहीवाल गाय की नस्ल के सींग मोटे और छोटे होते है।
- इसको सिर चौड़ा और शरीर मध्यम आकार का होता है।
- इसकी गर्दन की चमड़ी लटकती हुई होती है।
- इस नस्ल की गाय का रंग अधिकतर लाल और गहरा भूरा होता है।
- इस नस्ल की गाय अधिकतर पंजाब के क्षेत्रों और रावी नदी के आस -पास पाई जाती है।
- इसके शरीर पर चमकदार धब्बे दिखाई देते है।
- यह नस्ल अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन देती है।
- इस नस्ल की गाय का भर 300 से 400 KG और इस नस्ल के बैलो का भार 450 से 500 KG पाया जाता है।
- इस किस्म की गाय आलसी होती है और इसकी चिकनी खाल होती है।
साहीवाल अच्छी नस्ल को कहाँ से खरीदे ?
साहीवाल नस्ल की गायो की उत्पति पाकिस्तान पंजाब का मोंटगोमेरी जिला और इसके अलावा रावी नदी के आसपास का क्षेत्र में माना जाता है। इसके अलावा अधिक दूध देने वाली नस्ल पंजाब के अमृतसर और फिरोजपुर जिले में मुख्य रूप से पाई जाती है। इसके साथ ही पंजाब राज्य के फिरोजपुर जिले के फाज़िलका और अबोहर कस्बो में शुद्ध नस्ल की गाये अधिक मात्रा में पाई जाती है। और राजस्थान के गंगानगर जिले में भी इस साहीवाल नस्ल की गायो को पाला जाता है।
साहीवाल नस्ल की गाय की खरीद
हम आपको बता दे की इस नस्ल की गाय अधिक महॅगी नहीं होती है। इसकी दूध में अधिक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है कुछ गायो में कम भी हो सकती है ,उसके आधार पर भी इसकी कीमत को लगाया जाता है। बता दे की भारत के कुछ ही राज्यों में इस नस्ल की गायो की कीमत 50 से 60 हजार रूपये तक मानी जाती है। यह किस्म पहले पाकिस्तान में अधिक पाई जाती थी ,लेकिन अब यह भारत में भी पाई जाती है ,और इस नस्ल की गाय भारत में पकिस्तान से अधिक कीमत की होती है।
इसको भी पढ़ें: गर्मियों में कूलर खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें, बिजली की बचत और ठंडी हवा का मिलेगा आनंद
इस नस्ल की गायो में होने वाली बीमारी
हम आपको बता दे की इस नस्ल की गाय में अनेक प्रकार की बीमारी हो जाती है। इनकी बीमारी इस प्रकार है –खूनी दस्त, पीलिया,तेजाबी बदहजमी,कब्ज, सादी बदहजमी,कब्ज, अफारे और पाचन जैसी कई बीमारी हो सकती है इसके लिए गायो को समय से इलाज करवाना चाहिए ,क्योकि यह दूध कम दे सकती है।
इसके अलावा इनमे रोग भी पाए जाते है ,जो इनको काफी नुकसान पहुंचते है। जैसे मुंह-खुर रोग,डायरिया, थनैला रोग, एनाप्लाज़मोसिस, अनीमिया,पैरों का गलना ,दाद और तिल्ली रोग (एंथ्रैक्स) आदि हो जाते है। जिससे पशु बीमार हो सकता है ,इसलिए समय पर उपचार करवाना चाहिए।
इसको भी पढ़ें: यामाहा ने लांच किया 150cc Bike का नया हाइब्रिड मॉडल, डाइनामिक लुक के साथ बेहतरीन फीचर शामिल
साहीवाल नस्ल की गाय के विशेष लक्षण
- इस नस्ल की गाय में अधिक खर्चा नहीं आता है।
- इस नस्ल की गायो में गर्मी को सहन करने की क्षमता पाई जाती है ,और यह गर्म क्षेत्रों में भी आसानी से रह सकती है।
- इस नस्ल को पालने में अधिक मेहनत नहीं होती है ,और इसको आजकल सभी पालते है।
- यह नस्ल 10 से 20 लीटर या अधिक दूध भी दे सकती है।
- इसके दूध में प्रोटीन ,वसा की मात्रा भरपूर रूप से मिलती है ,और यह गाय 12 से 15 महीनो तक लगातार दूध देती है।
भारत में इस नस्ल की गाये कितने रूपये की होती है
भारत में इस नस्ल की गाय पाई जाती है ,लेकिन रूपये की बात करे तो भारत में पाकिस्तान से अधिक रूपये की होती है और भारत में लगभग 40000 से लेकर 100000 रूपये तक होती है ,इसके अलावा अधिक की भी हो सकती है।