नई दिल्ली: Farmers News – किसान भाई धान की खेती (paddy cultivation) में सबसे ज्यादा परेशानी खरपतवार के कारन उठाते है क्योंकि धान की फसल में खरपतवार के कारण पैदावार में भारी कमी आ जाती है। खरपतवार अधिक होने के कारण फसल में डाले जाने वाला पूरा का पूरा उर्वरक (fertilizer) हमारी फसलों को अच्छे से नहीं मिल पाता। इस कारण से धान में खरपतवार किसान भाइयों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है।
खरपतवार धान के पौधों की ग्रोथ (growth of paddy plants) में रुकावट तो बनते ही हैं साथ में बहुत सारी बीमारियां भी फसल में लग जाती है। इस आर्टिकल में हम आपको धान की फसल में खरपतवार नाशकों (herbicides) के उपयोग के बारे में जानकारी देने जा रहे है। उम्मीद है आपको ये जानकारी जरूर मदद करेगी और आप भी अपनी धान की फसल से खरपतवारों को नष्ट करने में कामयाब हो पाएंगे।
धान की फसल में कौन कौन से खरपतवार होते है Which weeds are there in paddy crop?
धान की फसल में बहुत तरह से खरपतवार (weeds) पाए जाते है लेकिन ये एरिया पर निर्भर करता है। वैसे आमतौर पर धान की फसल में सावक, मस्ट्रा, मोथा, डीला, मकड़ा, कांजी, बिलुआ कंजा, मिर्च बूटी, फूल बूटी, पान पत्ती, बोन झलोकिया, बमभोली, घारिला, दादमारी, साथिया, कुसल आदि खरपतवार पाई जाती है और ये सभी किसानो की फसल के लिए बहुत हानिकारक (very harmful for the crops) होती है।
अगर किसान भाइयों के द्वारा सही समय पर धान की फसल में इन खरपतवारों पर नियंत्रण नहीं पाया जाता है तो फिर ये फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचती है और इन खरपतवारों के कारण से धान की पैदावार बहुत ही कम होती है।
धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें? How to control weeds in paddy crop?
धान की फसल में खरपतवार का नियत्रण (control weeds in paddy crop) किसान भाई तीन तरीकों से कर सकते है और बाकि की फसलों के लिए भी ये तीन तरीकों से ही खरपतवार पर नियत्रण पाया जाता है। इनमे पहला शल्य क्रिया यानि की किसान भाई शल्य क्रिया के माध्यम से खरपतवार से नियंत्रण करता है जिसमे धान की बुवाई से पहले ही खरपतवार को एक्टिव करके फिर हल से खेत की जुताई करना (destroying the weeds by puddling) और पडलिंग आदि करके खरपतवार का नाश करना तथा हरी खाद के उपयोग और फसल चक्र (crop rotation) के सही चुनाव आदि से नियंत्रण पाया जाता है।
इसके साथ ही दूसरी धान की खेती में खरपतवार नियंत्रण (weed control in paddy cultivation) की प्रक्रिया यांत्रिकी होती है जिसमे किसान भाई को बहुत अधिक मेहनत करनी होती है और इसमें खुरपा या कस्सी आदि से खेत में फसल की निराई गुड़ाई की जाती है। निराई गुड़ाई (Weeding) एक प्राचीन खरपतवार को खेतों से हटाने की प्रक्रिया है और ये बहुत ही कारगार साबित होती है। इस प्रक्रिया के फसल में खोदी की क्रिया भी पूर्ण होती है जिसकी वजह से पौधों की ग्रोथ बहुत तेजी के साथ में होती है।
धान की खेती में खरपतवार नियंत्रण (weed control in paddy cultivation) की तीसरी विधि रासायनिक विधि होती है जिसमे किसान भाइयों को खरपतवार के हिसाब से रासायनिक दवाओं का छिड़काव अपनी फसल में करना होता है। लेकिन इस प्रक्रिया में दवाओं का प्रयोग संतुलित मात्रा (balanced quantity) में किया जाता है नहीं तो ये आपके धान की फसल को भी नुकसान कर सकती है। धान की सफल में खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए प्रेटीलाफ्लोर दवा 1250 मिलि प्रति हेक्टेयर का घोल बनाकर फसल में छिड़काव (sprayed in the crop) करना चाहिये जिससे उगने वाली खरपतवार ख़त्म हो जाएगी।
खरपतवार नियंत्रण की सबसे प्रभावी विधि क्या है? What is the most effective method of weed control?
किसान भाई अगर धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण की सबसे प्रभावी विधि के बारे में जानकारी लेना चाहते है तो आपको बता दें की धान की खेती में खरपतवार नियंत्रण (weed control in paddy cultivation) की सबसे प्रभावी विधि यांत्रिकी विधि है जिसमे खुरपी, कस्सी या फिर अन्य कृषि औजारों की मदद से फसल में खरपतवार की खुदाई करके बाहर निकाल दिया जाता है।
खरपतवार नियंत्रण करने की ये विधि बहुत ही प्राचीन विधि (very ancient method) है और जिस समय रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल होना शुरू नहीं हुआ था उससे पहले से ही आपने इस विधि को अपने बुजुर्गों के द्वारा इस्तेमाल करते हुए देखा होगा। आज भी बहुत से किसान भाई इस विधि से ही अपने खेतों में खरपतवार पर नियत्रण पाते है।
नॉमिनी गोल्ड का उपयोग कैसे करें? How to use Nominee Gold?
धान की सफल में खरपतवार पर नियंत्रण पाने के लिए ही नॉमिनी गोल्ड को किसान भाई इस्तेमाल करते है। नॉमिनी गोल्ड को किसान भाई धान की नर्सरी में (Nominee Gold in the paddy nursery) और रोपाई के बाद में इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा धान की दिशि बुवाई वाले खेतों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
नॉमिनी गोल्ड (Nominee Gold) को इस्तेमाल करने के लिए नर्सरी में एक टंकी में 10ML नॉमिनी गोल्ड का घोल बनाया जाता है और इसके अलावा रोपाई में और सीधी बुवाई वाले खेतों में नॉमिनी गोल्ड का छिड़काव करने के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से घोल बनाया जाता है। 100 से लेकर 110 मिलीग्राम नॉमिनी गोल्ड का घोल बनाकर प्रति एकड़ अपने धान की फसलों पर इसका छिड़काव (sprayed on the paddy crops) किया जाता है।
धान की फसल में खरपतवार नाशक कब डालें? When to apply weedicide in paddy crop?
धान की फसल में किसान भाई खरपतवार नाशकों (weedicides) का प्रयोग तीन समय में कर सकते है। इसमें धान की रोपाई से पहले खेत में प्रयोग किया जाता है जिसमे खरपतवार की एक्टिव करके और हल से जुताई करके समाप्त कर दिया जाता है। इसके अलावा दूसरा धान की रोपाई के कुछ दिन बाद ही स्प्रे के जरिये छिड़काव करके भी खरपतवार नाशी (herbicide) का धान की फसल में इस्तेमाल किया जाता है।
इसके साथ ही धान की फसल कुछ बड़ी होने पर यदि किसान भाइयों को लगता है की धान की फसल के साथ साथ खेत में खरपतवार भीबहुत अधिक हैं तो भी आप खरपतवार के किसः से रासायनिक खरपतवार नाशकों (herbicide) का छिड़काव कर सकते है जिससे आपकी फसल को बहुत अधिक लाभ मिलता है और साथ साथ में पैदावार भी बढ़ती है।