दुनिया का पहला मोबाइल किसने बनाया था? भारत में मोबाइल कब आया था?

Written by Subham Morya

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World First Mobile Phone: अब तो हर जगह आपको मोबाइल फ़ोन देखने को मिल जाता है। बच्चा बच्चा आज मौजूदा समय में स्मार्टफोन चलाता है। जैसे जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है उसी हिसाब से मोबाइल फ़ोन की टेक्नोलॉजी में भी तरक्की देखने को मिल रही है। लेकिन ये सबकुछ हमेशा से ऐसा नहीं था। एक जमाना था जब किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की आने वाले समय में घर के अंदर से ही बैठे बैठे हजारों किलोमीटर दूर हम किसी से भी चाँद सेकंड में बात कर सकते है और वीडियो कॉल के जरिये उसे देख भी सकते है। लेकिन ये आज संभव हो चूका है और रोजाना हम अपनी दिनचर्या में पता नहीं कितनी बार ऐसा करते है।

लेकिन एक बार जिंदगी को रोल बैक करके और शांति के साथ में सोचिये की जब मोबाइल फ़ोन का अविष्कार हुआ ही नहीं था तो फिर पहले मोबाइल को बनाने वाले ने इसको कैसे बनाया होगा और इसको बनाने का आईडिया उसको कैसे आया होगा। इसके साथ ही आखिर किसने दुनिया के पहले मोबाइल को बनाया होगा और उस ज़माने में जब पहले मोइबले को बनाया गया तो उसमे क्या क्या फंक्शन होते होंगे? ये सब सवाल अक्सर मन में चलते तो रहते होंगे लेकिन आज इस आर्टिकल में हम आपके इन सब सवालों के जवाब देंगे और आपके मन में चल रही उथल पुथल को शांत करने में मदद करेंगे।

दुनिया का पहला मोबाइल किसने बनाया था?

दुनिया का पहला मोबाइल फ़ोन अमेरिका के रहने वाले एक इंजीनियर ने बनाया था जिसका नाम मार्टिन कूपर था। मोबाइल फ़ोन को बनने में पुरे तीन सालों का वक्त लग गया था और पहली बात जब मोबाइल फ़ोन बनकर तैयार हुआ तो मार्टिन कूपर को भी यकीं नहीं हो रहा था की उसने एक इसी चीज को बना दिया है जिसका सपना भी किसी ने नहीं देखा था।

दुनिया के पहले मोबाइल को 3 अप्रैल 1973 को पहली बात इस्तेमाल किया गया था और ये तारीख इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गई जब मोइबले फ़ोन का जन्म हुआ। दुनिया के पहले मोबाइल फ़ोन को मोटोरोला कंपनी ने लांच किया था क्योंकि मार्टिन कूपर मोटोरोला कंपनी में ही काम करते थे और उन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत करने के साथ ही मोबाइल की वायरलेस टेक्नोलॉजी पर काम शुरू कर दिया था। उनकी लगातार तीन साल की मेहनत की बदौलत एक दिन ऐसा भी आया जब उनका अविष्कार प्रत्यक्ष रूप से साकार हो चूका था।

दुनिया का सबसे पहला फोन कौन सा है?

दुनिया का सबसे पहला फोन मोटोरोला DynaTAC 8000X था जिसको अमेरिका के एक इंजिनियर मार्टिन कूपर ने बनाया था। मार्टिन कूपर ने इस फ़ोन को 3 अप्रैल 1973 को बनाया था और उससे पहली कॉल भी की थी। ये कॉल मार्टिन कूपर ने अपने एक प्रतिद्वंद्वी जोएल एंगेल को की थी जो की मोबाइल फ़ोन को बनाने की टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे थे।

दुनिया के पहले मोबाइल फ़ोन का वजन 2 किलोग्राम था और उसकी बैटरी को चार्ज करने में लगभग 10 घंटे का समय लगता था। 10 घंटे तक चार्ज करने के बाद ये बैटरी मोबाइल फ़ोन को केवल एक घंटे तक चला पाती थी। मोटोरोला की तरफ से इस फ़ोन को मार्किट में बिक्री के लिए नहीं बनाया गया था बल्कि ये फ़ोन एक प्रोटोटाइप फ़ोन था। साल 1982 में मोटोरोला की तरफ से सभी टेस्टिंग पूरी होने के बाद इस फ़ोन को बाजार में बेचने के लिए जारी किया था और इस फ़ोन की कीमत उस समय 2995 डॉलर रखी गई थी।

भारत में मोबाइल कब आया था?

भारत में पहले मोबाइल फ़ोन की शुरआत साल 1995 में हुए थी और 31 जुलाई 1995 को भारत में मोबाइल से पहली कॉल की गई थी। भारत में पहली मोबाइल कॉल पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने दिल्ली के संचार मंत्री सुखराम को कोलकाता से की थी।

भारत में जब मोबाइल तकनीक की शुरुआत हुई थी तो वो GSM पर आधारित तकनीक पर शुरू हुई थी और इस तकनीक से मोबाइल सेवा को शुरू करने वाली कंपनी मोदी टेलीकॉम थी। आज के समय में तो घर घर में मोबाइल फ़ोन हो चुके है लेकिन भारत में पहले मोबाइल की कीमत 1 लाख रूपए हुआ करती थी। अब आप अंदाजा लगा सकते है की वैल्यू के हिसाब से एक लाख साल 1995 में कितना हुआ करता था। लेकिन अब तो मोबाइल फ़ोन की कोई कीमत ही नहीं रही।

Subham Morya

मैं शुभम मौर्या पिछले 2 सालों से न्यूज़ कंटेंट लेखन कार्य से जुड़ा हुआ हूँ। मैं nflspice.com के साथ में मई 2023 से जुड़ा हुआ हूँ और लगातार अपनी न्यूज़ लेखन का कार्य आप सबसे के लिए कर रहा हूँ। न्यूज़ लेखन एक कला है और सबसे बड़ी बात की न्यूज़ को सही ढंग से समझाना ही सबसे बड़ी कला मानी जाती है और इसी कोशिश में इसको लगातार निखारने का प्रयास कर रहा हूँ।

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