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टीएमसी मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी का दावा- साउथ कोलकाता की अधिकांश ज़मीन, राजभवन और ईडन गार्डन्स वक्फ की संपत्ति

कोलकाता, 14 अप्रैल 2025: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि साउथ कोलकाता की अधिकतर ज़मीन, राजभवन, ईडन गार्डन्स और ब्रिगेड मैदान वक्फ बोर्ड की संपत्ति हैं। इस बयान ने कोलकाता में जमीन के मालिकाना हक को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस समय देशभर में इनका वीडियो वायरल हो रहा है और लोग सोशल मीडिया पर इसको लेकर अलग अलग प्रतिक्रिया दे रहे है।

टीएमसी मंत्री का दावा

एक्स यूजर अपूर्वा सिंह ने अपने एक्स पोस्ट में एक वीडियो साझा किया, जिसमें टीएमसी मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी यह दावा करते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि साउथ कोलकाता की अधिकांश जमीन, राजभवन, ईडन गार्डन्स और ब्रिगेड मैदान वक्फ बोर्ड की संपत्ति हैं। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय के लिए जमीन और संपत्ति का प्रबंधन करता है, लेकिन इसकी पारदर्शिता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।

तथ्य जांच में पता चला की राजभवन और ईडन गार्डन्स वक्फ की संपत्ति नहीं

2023 में की गई एक तथ्य जांच में साफ हो चुका है कि राजभवन, ईडन गार्डन्स और फोर्ट विलियम वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं हैं। राजभवन पश्चिम बंगाल सरकार की संपत्ति है, जो राज्यपाल का आधिकारिक निवास है। ईडन गार्डन्स क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल को लीज पर दिया गया है, और फोर्ट विलियम भारतीय सेना का मुख्यालय है। यह दावा गलत साबित हो चुका है लेकिन फिर भी टीएमसी के नेता बार बार इस प्रकार के दावे करके लोगों को भर्मित करने का प्रयास करते रहते है।

वक्फ बोर्ड के दावे पहले भी विवाद में रहे है

वक्फ बोर्ड पहले भी जमीन को लेकर विवादों में रहा है। 2022 में तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड ने एक पूरे गांव को अपनी संपत्ति बताकर दावा किया था, जिसके बाद कानूनी लड़ाई शुरू हो गई थी। कोलकाता में भी वक्फ बोर्ड के दावों ने कई बार तनाव पैदा किया है। इन दावों की वजह से सामुदायिक तनाव और कानूनी विवाद बढ़े हैं। इसके अलावा वक्फ बोर्ड अलग अलग जगहों पर कई दावे कर चुका है जो की सुनने में भी बड़े अजीब लगते है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो में ये भी दावा किया जा रहा था की अम्बानी का घर एंटीलिया भी वक्फ की ज़मीन पर बनाया हुआ है।

विवाद सुलझाने की कोशिश या आग में घी डालने का काम

इस तरह के विवादों को सुलझाने के लिए 2024 में वक्फ (संशोधन) विधेयक पास किया गया था। इस कानून का मकसद वक्फ बोर्ड की जमीनों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाना था। लेकिन इसके बावजूद सिद्दीकुल्ला चौधरी का यह बयान सवाल खड़े कर रहा है। कई लोगों ने इस बयान को गलत बताया और कहा कि यह कोलकाता में तनाव बढ़ा सकता है।

अपूर्वा सिंह ने अपने पोस्ट में हिंदुओं से सवाल किया कि जो लोग टीएमसी का समर्थन करते हैं, क्या वे इस दावे से सहमत हैं? एक्स पर लोगों ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है। एक यूजर ने लिखा, “यह कोलकाता की जमीन पर दावा करके तनाव बढ़ाने की कोशिश है।” वहीं, कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक बयानबाजी करार दिया।

सिद्दीकुल्ला चौधरी का यह बयान कोलकाता में एक नया विवाद खड़ा कर सकता है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने की जरूरत है ताकि तनाव की स्थिति न बने।

Saloni Yadav

प्रकृति के साथ में जुड़ाव रखना आज के समय में बहुत जरुरी है क्योंकि इसी से हम है। इसके रखवालों की मदद करने की जिम्मेदारी ली है तो इसको निभाने में चूक नहीं कर सकती। कृषि विषय से स्नातक की और अब घर रहकर ही किसान के लिए कलम उठाई है। उम्मीद है उनके जीवन में कुछ बदलाव जरुरी आयेगा।

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