Farmers News – किसान भाइयों को हमेशा से इस बात की चिंता रहती है की उनकी गेहूं की फसल में पैदावार कितनी होगी। और कौन सा खाद बुवाई के समय डालने से फसल में एपिडवार अधिक मिलेगी। किसान के पास दो उर्वरक होते है जिनमे उनको कन्फ्यूजन रहता है की आखिर कौन से वाला खाद डालने से फायदा होगा।
किसान हमेशा से DAP और MAP उर्वरक का इस्तेमाल अपने खेतों में करते हैं ऐसे में किसानो के लिए कौन सा उर्वरक फायदेमंद साबित होने वाला है इसके लिए इस आर्टिकल में हम आज जानेंगे।
DAP उर्वरक का इस्तेमाल
DAP खाद जो किसान भाई इस्तेमाल करते हैं उनको DAP से फसलों में 18 फीसदी नाइट्रोजन और 40 फीसदी फास्फोरस मिलता है। ये मात्रा फसलों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होती है। लेकिन किसान जिस खेत में DAP का इस्तेमाल करने जा रहा है अगर उस खेत की मिटटी क्षारीय है और उसका pH मान अधिक है तो फिर DAP खाद का इस्तेमाल बहुत ध्यान से करना होता है।
अधिक pH मान वाले खेतों में DAP खाद का इस्तेमाल बहुत सावधानी से किया जाता है क्योंकि ये फिर फसलों के लिए अधिक फायदा नहीं पहुंचाता।
MAP उर्वरक का इस्तेमाल
इसके साथ ही MAP उर्वरक की गर बात करें तो इससे किसानो को उनकी फसलों में 11 फीसदी नाइट्रोजन मिलता है और इसके अलावा 52 फीसदी फास्फोरस मिलता है। इस कुल फास्फोरस की मात्रा का करीब 44 फीसदी पानी में घुलनशील होता है जो की फसलों को बहुत अधिक फायदा पहुंचाता है।
MAP उर्वरक कम pH मान वाली मिटटी के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। लगभग 3.5 pH मान वाली मिटटी में इसका इस्तेमाल करना बहुत सही फायदा पहुंचाता है। इस उर्वरक की मिटटी में आसानी से घुलने वाली छमता किसानो को उनकी फसलों में बहुत अधिक लाभ प्रदान करती है।
कौन सा खाद इस्तेमाल करना चाहिए
किसान भाइयों को अगर DAP और MAP में से किसको इस्तेमाल करना चाहिए इसकी बारे में बताये तो ये बहुत ही मुश्किल होता है की आप कौन सा खाद अपने खेत में इस्तेमाल करें। DAP और MAP दोनों ही अपनी अपनी जगह पर खेती के लिए बेहतरीन होते है। फास्फोरस के मामले में MAP उर्वरक बहुत ही अधिक इस्तेमाल किया जाता है और इसके लाभ भी किसानो को अधिक मिलते है।
जिस प्रकार से DAP खाद में 18 फीसदी तक फास्फोरस की मात्रा होती है उसकी प्रकार से MAP में फास्फोरस की मात्रा 52 फीसदी होती है जो फसलों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है। इसलिए किसानो को अपने खेत की मिटटी के हिसाब से और फसलों में कौन से पदार्थ की मात्रा की अधिक जरुरत है उसके हिसाब से ही खाद का चुनाव करना चाहिए।