Vertical Farming: एक समय ऐसा था जब चारों और दूर दूर तक हरियाली दिखाई देती थी और जहां नजर जाती थी वहां खेत ही खेत होते थे। लेकिन वो जमाना अब शायद कहीं खो गया है। अब खेतों की जगह पर ऊँची उनकी इमारते दिखाई देती है और हरियाली की जगह अब केवल गमलों के अंदर सिमट कर रह गई है। ऐसे में अब खेती के लिए जगह भी कम हो चुकी है।
लेकिन वैज्ञानिक समाधान निकलने में बहुत आगे हैं और इसका भी एक समाधान निकाला गया है जिसका नाम है वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) यानि की एक के ऊपर एक करके थोड़ी सी जगह में जायदा खेती। इस समय वर्टिकल फार्मिंग पर सबसे जायदा जोर दिया जा रहा है। लेकिन वर्टिकल फार्मिंग की खेती करने से पहले आपको ये पता होना जरुरी है की आखिर वर्टिकल फार्मिंग होती क्या है तो चलाइये आपको इसके बारें में बता देते है।
वर्टिकल फार्मिंग क्या होती है? – What is vertical farming?
जैसा की हमने ऊपर जिक्र किया की आज के समय में जगह कम होती जा रही है तो ऐसी को ध्यान में रखकर ही वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) का आईडिया आया और इस तकनीक को विकसित किया गया। वर्टिकल से संबंध तो आप समझते होंगे खड़ा यानि की ऊर्ध्वाधर रूप में किसी चीज को करना। फार्मिंग मतलब खेती है से तो वर्टिकल फार्मिंग मतलब खड़े रूप में एक के ऊपर एक करके खेती करने को ही वर्टिकल फार्मिंग कहते है। इसमें नार्मल खेती से डिफ्रेंस इतना होता है की इसमें मिटटी की जरुरत नहीं होती बल्कि पोषक तत्वों का इस्तेमाल करके इस खेती को किया जाता है।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) को कड़ी खेती के नाम से भी जाना जाता है और इसमें किसानो को कम जगह में अधिक पैदावार लेने का मौका मिलता है। वर्टिकल फार्मिंग में पॉट या ट्रे को एक के ऊपर एक करके लगाया जाता है और उनमे खेती की जाती है। मिटटी के बिना खेती होती है इसलिए इसमें हाइड्रोपोनिक्स, एक्वापोनिक्स और एरोपोनिक्स तकनिकी का इस्तेमाल किया जाता है।
वर्टिकल फार्मिंग के लाभ क्या क्या है? – Benefits of Vertical Farming?
वर्टिकल फार्मिंग के बहुत सारे लाभ किसान भाइयों को देखने को मिलते है। इसका सबसे बड़ा फायदा तो यही है की इसमें ज्यादा जगह की जरुरत नहीं होती और कम जगह में जायदा खेती की जा सकती है। ये तकनीक उन स्थानों पर जयादा फायदेमंद होती है जहां पर कृषि योग्य भूमि पर्याप्त नहीं है।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) में पौधों को एक नियंत्रित वातावरण में उगाया जाता है जिससे उनकी पैदावार देने की छमता में बढ़ौतरी होती है। इसके अलावा वर्टिकल फार्मिंग में पानी बहुत कम उपयोग होता है इसलिए पानी की भी बचत हो जाती है। उर्वरक भी बहुत कम डालने पढ़ते हैं और इस कारण से खेती में आने वाली लगत में कमी होती है।
वर्टिकल फार्मिंग पर्यावरण के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के दौरान कार्बन का उत्सर्जन बहुत ही कम मात्रा में होता है जिसकी वजह से वायु का और जल का प्रदूषण नहीं के बराबर रहता है।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) में कौन कौन सी खेती कर सकते है।
वर्टिकल फार्मिंग अब पूरी दुनिया में बहुत फेमस होती जा रही है और इसका सबसे बड़ा कारण यही है की कृषि योग्य भूमि अब कम होती जा रही है। वर्टिकल फार्मिंग में किसान भाई बहुत तरफ के अलग अलग फल और सब्जियों की खेती कर सकते है। वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) में उन खेती का चुनाव किया जाता है जो जल्दी पैदावार देती है और पौधों को कम जगह की जरुरत होती है। देखिये कौन कौन सी खेती किसान भाई वर्टिकल फार्मिंग के माध्यम से पैदा कर सकते है।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के जरिये किसान भाई अलग अलग तरह कोई सब्जियों की खेती कर सकते है। इन सब्जियों में टमाटर, खीरा, बैंगन, ब्रोकली, मिर्च, मशरूम अदरक, शकरगंद आदि की खेती आसानी से की जा सकती है। इसके अलावा भी और बहुत सी सब्जियां है जो वर्टिकल फार्मिंग के जरिये उगाई जा सकती है।
फलों के अंदर वर्टिकल फार्मिंग के जरिये स्ट्राबेरी की खेती कर सकते है और इसके अलावा चेरी है, ब्लूबेर्री है, चीकू तथा संतरे की खेती भी आसानी से की जा सकती है। वही अगर फूलों की बात करें तो वर्टिकल फार्मिंग के जरिये किसान भाई बहुत सारे फूलों की खेती भी कर सकते है। फूलों में अश्वगंधा, तुलसी, ब्राह्मी और गुलाब आदि की खेती आसानी से वर्टिकल फार्मिंग के जरिये की जा सकती है।
वर्टिकल फार्मिंग कहां और कैसे शुरू करें
वर्टिकल फार्मिंग के लिए बड़े स्थान की जरुरत नहीं होती है। वर्टिकल फार्मिंग बेसमेंट, गोदाम या फिर किसी खली पड़े घर में भी की जा सकती है। इसके लिए आपको उस स्थान पर स्ट्रक्टर तैयार करना होगा। इसके अलावा आपको कितने बड़े स्तर पर वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) करनी है इसके अनुसार भी आपको जगह की जरुरत पड़ेगी। जिस स्थान पर आप वर्टिकल फार्मिंग करना चाहते है उस जगह की छत को ऊंचाई पर रखना चाहिए ताकि आपको अधिक जगह मिल सके।
जिस स्थान पर आप ये खेती करना चाहते है उस स्थान पर आपको प्रकाश, तापमान और आर्द्रता का भी ध्यान रखना होगा। वर्टिकल फार्मिंग के लिए आपको उक्त स्थान पर सेटअप तैयार करना होगा जिसमे उपकारों को लगाना होगा। इन उपकारों में सिंचाई प्रणाली (Irrigation System) शामिल होगी और प्रकाश की व्यवस्था करनी होगी तथा पौषक तत्वों के लिए भी व्यवस्था करनी होगी। इसके अलावा पानी का भी प्रबंध करना होगा।
पूरा स्ट्रक्चर तैयार होने के बाद आपको पौधे खरीदने है या फिर बीज से पौघे तैयार करने है। आपसे यही कहना है की शुरुआत में जब आप वर्टिकल फार्मिंग की शुरुआत करें तो किसी जानकर या फिर एक्सपर्ट व्यक्ति के सामने शुरू करें और उससे सभी जानकारी हासिल करें। जब आपको एक्सपीरियन्स होने लगे तो फिर आप अपने से इसको कर सकते है।
FAQ – Vertical Farming
Q: क्या ऊर्ध्वाधर खेती लाभदायक है? – Is vertical farming profitable?
Ans: वर्टिकल खेती काना किसानो के लिए बहुत लाभदायक होती है। इसमें कम जगह में बहुत सारा उत्पादन होता है। साथ में आपको पानी और उर्वरकों की जरुरत भी कम होती है। जायदातर ये खेती ऐसे स्थानों पर की जाती है जहां पर कृषि करने योग्य भूमि की कमी होती है।
Q: ऊर्ध्वाधर खेती में सबसे बड़ी समस्या – What is the biggest problem with vertical farming?
Ans: वर्टीकल फार्मिग में वैसे तो कोई समस्या नहीं आती लेकिन इसमें शुरुआत करने में जो खर्चा आता है वही सबसे बड़ी दिक्कत है। वर्टिकल फार्मिंग को शुरू करने के लिए भवन या फिर शेड का निर्माण करना और उसके अंदर पूरा स्ट्रक्चर सेट करना तथा वर्टिकल फार्मिंग के लिए ट्रेनिंग लेना आदि में होने वाले खर्चों में किसानो को दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा वर्टिकल फार्मिंग करने के कोई नुकसान नहीं है।
Q: क्या भारत में ऊर्ध्वाधर खेती सफल है? – Is vertical farming successful in India?
Ans: हां बिलकुल। वर्टीकल फार्मिंग भारत में सफलता के साथ की जा रही है और बहुत से लाभ भी मिल रहे हैं। भारत में अर्बन किसान और फ्रेट फार्म्स जैसी कंपनी अपना वर्टीकल फार्मिंग का सञ्चालन सफलतापूर्वक कर रही है और उनको किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा। वर्टीकल फार्मिंग की भारत में सफलता के कई कारण है जिनमे आने वाले समय में कृषि योग्य भूमि की कमी होना और भारत की जलवायु का वर्टीकल फार्मिंग के अनुकूल होना शामिल हैं।
Q: ऊर्ध्वाधर खेती के लिए कौन सी फसल सर्वोत्तम है? – Which crop is best for vertical farming?
Ans: वर्टीकल खेती या ऊर्ध्वाधर खेती के लिए वे फैलने सबसे अच्छी रहती है जो कम समय में पैदावार देती है और जिनकी ऊंचाई कम होती है।
Q: क्या ऊर्ध्वाधर खेती सुरक्षित है? – Is vertical farming safe?
Ans: वर्टीकल फार्मिंग भारत में अभी नै तकनीक है इसलिए किसानो को इसके बारे में जायदा जानकारी नहीं है। वर्टिकल फार्मिंग के बहुत से सुरक्षित लाभ भी है तो इसमें कुछ जोखिम भी है। लेकिन ये निर्भर करता है की किसान सुरक्षा नियमों के मुताबित खेती करता है या नहीं। वर्टिकल फार्मिंग में कुछ संभावित सुरक्षा जोखिम भी हैं। उदाहरण के लिए, वर्टिकल फार्मिंग में उपयोग किए जाने वाले कृत्रिम प्रकाश से मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, वर्टिकल फार्मिंग में उपयोग किए जाने वाले जलवायु नियंत्रण प्रणालियों से जलजनित रोग फैलने का खतरा हो सकता है।